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सिमुलतला : आवासीय विद्यालय में मनाई गई आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की जयंती, प्रेरित हुए बच्चे

[सिमुलतला | गणेश कुमार सिंह]

सिमुलतला आवासीय विद्यालय में आचार्य राम चन्द्र शुक्ल की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर बताया गया कि आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिंदी साहित्य के प्रथम प्रमाणिक समीक्षक हैं , जिन्होंने हिन्दी साहित्य को समझने - बूझने की व्यापक दृष्टि एवं हिन्दी आलोचना को व्यापकता दी । उन्होंने हिंदी काव्य जगत की विविधताओं का प्रथम साक्षात्कार कर जनसाधारण व  जनमानस के बीच लाने का ऐतिहासिक एवं महान प्रयास किया । हिन्दी में सर्वप्रथम पाठ आधारित वैज्ञानिक आलोचना का सूत्रपात उन्होंने किया । अपनी 'हिंदी साहित्य का इतिहास ' नामक कालजयी आलोचनात्मक पुस्तक में रचनाकार के जीवन और पाठ को समान महत्व दिया । उन्होंने रस आदि की पुनर्व्याख्या की । तुलसीदास के साहित्य की उन्होंने व्यापक व विशद व्याख्या की । उक्त बातें हिंदी साहित्य के कालजयी आलोचक आचार्य रामचंद्र शुक्ल की जयंती के अवसर  पर महाकवि राम इकबाल सिंह राकेश साहित्य परिषद के संयोजक  डाॅ. सुधांशु कुमार ने वृहस्पतिवार को सिमुलतला आवासीय विद्यालय में कही । अपने अध्यक्षीय संबोधन में विद्यालय के प्राचार्य डाॅ. राजीव रंजन ने कहा कि आचार्य शुक्ल जी की आलोचना शैली से सिर्फ हिन्दी के विद्वान ही नहीं , बल्कि आंग्ल आलोचक भी प्रभावित हुए । वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे । हिन्दी साहित्य का इतिहास , चिंतामणि , शशांक , विश्व प्रपंच आदि कालजयी कृतियों की सर्जना एवं संपादन इन्होंने किया । विद्यालय के उपप्राचार्य व शैक्षणिक प्रमुख सुनील कुमार ने आचार्य शुक्ल को हिन्दी साहित्य की आलोचना का शिखर पुरुष बताते हुए कहा कि उन्होंने अपनी व्यापक आलोच्य प्रतिभा के बल पर हिन्दी आलोचना को एक नई ऊंचाई दी जिसका ऋणी हिन्दी समीक्षा संसार हमेशा रहेगा । परिषद के समन्वयक व विद्यालय के हिंदी शिक्षक गोपाल शरण शर्मा ने उन्हें हिंदी आलोचना का केंद्रीय व्यक्तित्व कहा  ।


कार्यक्रम के दूसरे सत्र में छात्र छात्राओं के बीच भ्रष्टाचार एवं प्रदूषण विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । इसमें अंकित , अमन , प्रशांत ,आनंद , रामकृष्ण , दीक्षा ,श्वेता दीपिका ,तनुश्री , आयुष , अजित , सम्राट , देवव्रत , अपराजिता , नेहा , तनु प्रिया आदि छात्र -छात्राओं ने भाग लिया । इसके परिणाम की घोषणा कल की जाएगी एवं इसमें प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान लानेवाले छात्रों को संभावित कवि सम्मेलन में साहित्यकारों द्वारा साहित्यिक पुस्तकें देकर पुरस्कृत किया जाएगा ।

 इस अवसर पर विजय कुमार डा. जयंत कुमार , डा. प्रवीण कुमार सिन्हा ,अनीता मिश्रा , रंजय कुमार , जितेंद्र कुमार पाठक , राकेश पांडेय , प्रज्ञेश वाजपेयी , प्रेमनाथ सिंह ,प्रेम प्रकाश , विनोद कुमार यादव आदि शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद थे। कार्यक्रम समाप्तोपरान्त  धन्यवाद ज्ञापन संस्कृताचार्य गिरवरधारी शर्मा ने किया ।

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