जनश्रुतियों के मुताबिक कामाख्या से चलने के बाद मां ने देवीगंज में भी विश्राम किया था...
धर्म एवं आध्यात्म [अनूप नारायण] :बिहार के गोपालगंज जिले के बरौली प्रखंड के देवीगंज में स्थित मां नकटो भवानी भक्तों की मुरादें पूरी करती हैं। दूर दराज से लोग मां की पूजा अर्चना के लिए यहां पहुंचते हैं। शारदीय नवरात्र के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ जमा होती है। जनश्रुतियों के मुताबिक कामाख्या से चलने के बाद मां ने देवीगंज में भी विश्राम किया था।
बरौली मुख्यालय से करीब 15 किमी दक्षिण-पूरब के कोण पर पंचायत राज बेलसड़ में देवीगंज गांव में मां का प्राचीन मंदिर स्थित है।
जनश्रुतियों के अनुसार मां थावे भवानी, भक्त रहषु स्वामी के बुलावे पर पश्चिम बंगाल के कौड़ी कमाख्या से चली थीं। थावे राजा मनन सेन को दर्शन देने के लिए आने के पूर्व मां भवानी यहां भी रुकी थीं। जनश्रुतियों के अनुसार मां भवानी ने अपने भक्त रहसू की पूजा अर्चना से खुश होकर आर्शीवाद स्वरूप एक हाथ का कंगन भी दिया था।
मान्यता है कि रहसू भक्त की भार्या कंगन पहन कर घर में काम कर रहीं थीं कि इस कंगन पर थावे राज्य की नौकरानी की नजर पड़ गयी। नौकरानी ने इसकी सूचना महारानी का दी। पुजारन के हाथ में कंगन की बात जब महारानी से महाराज को बताया तो तो महाराजा, भक्त रहसू से दूसरे हाथ का कंगन दिखाने और भवानी मां का दर्शन करने के लिए हठ करने लगे।
पहले तो रहसू भगत ने महाराज का काफी समझाया कि ऐसा करने पर राज पाट ध्वस्त हो जाएगा। मगर महाराज नहीं माने। तब रहसू भक्त ने माता का आह्वान किया तो मां भवानी ने भी प्रिय भक्त को महाराजा को समझाने के लिए कहा। लेकिन महाराजा नहीं माने तो माता कामरुप से थावे के लिए चली और बरौली के इसी देवीगंज गांव में अंतिम चेतावनी स्वरुप पड़ाव डाला था।
मान्यता है कि देवीगंज की मां नकटों भवानी का दर्शन करने जो भी भक्त आता है उसकी हरेक मुरादें पूरी हो जाती हैं। हर साल चैत्र और शारदीय नवरात्र में यहां विशाल मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से लोग मां कर दर्शन करने आते हैं।
विकसित करने की योजना
देवीगंज स्थित मां नकटो भवानी स्थल को विकसित करने के लिए लाखों रुपये खर्च कर रही है। इस राशि से मंदिर परिसर में काफी विकास कार्य कराया गया है। अभी भी कुछ योजनाओं पर कार्य जारी है। मंदिर समिति की ओर से भी इस स्थान को बेहतर बनाने के दिशा में कार्य किया जा रहा है।
दूर-दराज से आते हैं भक्त
जिला मुख्यालय से मात्र नौ किलोमीटर की दूरी पर बरौली प्रखंड के बेलसंड के समीप ही स्थित है नकटो भवानी का मंदिर। यहां पहुंचने के लिए जिला मुख्यालय के अलावा, बरौली प्रखंड मुख्यालय तथा सिवान जिले के जामो से गाड़ियां चलती हैं।
विकसित करने की योजना
देवीगंज स्थित मां नकटो भवानी स्थल को विकसित करने के लिए लाखों रुपये खर्च कर रही है। इस राशि से मंदिर परिसर में काफी विकास कार्य कराया गया है। अभी भी कुछ योजनाओं पर कार्य जारी है। मंदिर समिति की ओर से भी इस स्थान को बेहतर बनाने के दिशा में कार्य किया जा रहा है।
दूर-दराज से आते हैं भक्त
जिला मुख्यालय से मात्र नौ किलोमीटर की दूरी पर बरौली प्रखंड के बेलसंड के समीप ही स्थित है नकटो भवानी का मंदिर। यहां पहुंचने के लिए जिला मुख्यालय के अलावा, बरौली प्रखंड मुख्यालय तथा सिवान जिले के जामो से गाड़ियां चलती हैं।
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