【अलीगंज | चंद्रशेखर सिंह】:-
किसान कोई भी फसल को अपने खेतों में बड़ी मेहनत से लगाते हैं, लेकिन कभी -कभी ऐसा होता है कि मेहनत के साथ पूंजी भी बेकार चला जाती है।
कुछ ऐसा ही नजारा, अलीगंज प्रखंड के कैयार पंचायत के गंगटी गांव के किसानो का है। किसान सुनील सिंह, अवधेश यादव, रामचंद्र यादव, स्वारथ यादव सहित आधा दर्जन किसानों ने अपने खेतों में गरमा मक्का (मकई) का फसल लगाया था। और किसानों ने बड़े मेहनत कर मोटी पुंजी लगाकर इस तपीश में भी खुन पसीना एक कर काफी लगन से फसल उगाया, और खेतों में हरियाली लाई। लेकिन जब फसल में दाना की बारी आई तो मक्का काटने लायक हो गया, लेकिन मक्का में एक भी दाना नही आया है।
कुछ ऐसा ही नजारा, अलीगंज प्रखंड के कैयार पंचायत के गंगटी गांव के किसानो का है। किसान सुनील सिंह, अवधेश यादव, रामचंद्र यादव, स्वारथ यादव सहित आधा दर्जन किसानों ने अपने खेतों में गरमा मक्का (मकई) का फसल लगाया था। और किसानों ने बड़े मेहनत कर मोटी पुंजी लगाकर इस तपीश में भी खुन पसीना एक कर काफी लगन से फसल उगाया, और खेतों में हरियाली लाई। लेकिन जब फसल में दाना की बारी आई तो मक्का काटने लायक हो गया, लेकिन मक्का में एक भी दाना नही आया है।
यह देख किसान सुनील सिंह ने बताया कि दो बीघा में मक्का की फसल लगाया, लेकिन मक्का तैयार हो गया है, और एक भी दाना नही आया है। एक तो कर्ज लेकर फसल लगाकर खेतों मे जीतोड मेहनत किया लेकिन दाना नही होने से सारी मेहनत के साथ-साथ पूँजी बेकार चले जाने का गम व महाजन की कर्ज चुकता करने की चिंता सताये जा रही है।
बता दे कि गांव में आधा दर्जन किसानों ने कर्ज महाजन कर गरमा मकके की फसल लगभग पांच एकड़ में लगाया था। फसल तैयार होने के बाद मक्का में दाना नही आया है। जिससे किसानों में महाजन की कर्ज सटाने की चिन्ता के साथ -साथ सारी मेहनत बेकार चली गई है।किसानों ने सरकार से सहायता दिलाने की मांग की है।
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