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गुरुवार, 19 मार्च 2020

जानिए दानवीर कर्ण के अंग प्रदेश भागलपुर का इतिहास

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पटना | अनूप नारायण :
बिहार की राजधानी पटना से 220 किमी दूर गंगा नदी के तट पर बसा ऐतिहासिक शहर है भागलपुर। क्‍या आप जानते हैं कि इस शहर का ये नाम कैसे पड़ा? 'भागदत्तपुरम का मतलब होता है भाग्‍य (गुडलक) का शहर। इस शहर में हिंदी भाषा बोली जाती है और जबकि यहां की क्षेत्रीय भाषा अंगिका है। दुनियाभर में तकरीबन 50 मिलिनय लोग इस भाषा का प्रयोग करते हैं और ये काफी प्रसिद्ध भाषा है।भागलपुर को देश के प्रमुख सिल्‍क उत्‍पादक के रूप में जाना जाता है औश्र इस शहर की जनसंख्‍या लगभग 350,000 है। यहां आपको चीनी और चावल की खूब मिलें दिख जाएंगी। रामायण और महाभारत के सीरियल और फिल्‍मों में आपने भागलपुर शहर को देखा होगा। इस शहर पर कभी अंग राजवंश का शासन हुआ करता था जिसके राजा दानवीर कर्ण थे। आइए जानते हैं पौराणिक और ऐतिहासिक महत्‍व रखने वाले इस शहर के बारे में।
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● भागलपुर का इतिहास

अगर आपको भी पौराणिक कथाएं पसंद हैं तो आपने मंदार पर्वत के बारे में तो सुना ही होगा। ये पर्वत भागलपुर से दक्षिण की ओर 52 किमी दूर स्थित है। मंदार पर्वत के बारे में एक बहुत ही दिलचस्‍प पौराणिक कथा प्रचलित है। राक्षसों और देवताओं के बीच हुए समुद्र मंथन के दौरान इसी पर्वत से मंथन किया गया था। इस पर्वत पर वासुकि नामक सर्प को बांधकर समुद्र मंथन किया गया था जिसके बाद अमृत की प्राप्‍ति हुई थी।
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चीनी यात्री फाह्यान और ह्वेनसांग ने भागलपुर को पूर्वी भारत का सबसे बड़ा व्‍यापारिक केंद्र बताया है। गंगा नदी की शरण में बसे भागलपुर से ही दक्षिण एशिया की पहली महिला डॉक्‍टर कादंबिनी थी।
शानदार विश्‍वविद्यालय विक्रमशिला को बिहार का गौरव भी कहा जाता है। ये भागलपुर से 38 किमी दूर है और यहां पर आपको बौद्धिक इतिहास के बारे में भी जानने को मिलेगा।

फाह्यान और ह्वेनत्सांग ने अपने शास्‍त्रों में इस जगह का वर्णन किया है। इतिहास के जो आकर्षक अवशेष कहीं भी मिलना मुश्किल हैं, वो यहां पर मौजूद हैं। विद्वानों और शिक्षार्थियों को आज भी विक्रमशिला खूब आकर्षित करता है। यहां की सबसे खास बात है इसका विक्रमशिला महोत्‍वस। इस महोत्‍सव का आयोजन फरवरी में होती है जिसमें गंगा नदी में नावें तैरती हुईं दिखती हैं। ये नज़ारा बहुत अद्भुत होता है।

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