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सोमवार, 4 अगस्त 2025

बाबा कोकिलचंद धाम को धार्मिक पर्यटन घोषित करने की मांग को लेकर चुनचुन कुमार की दंडवत साधना संपन्न

सदियों से शराबमुक्त गंगरा गांव को आदर्श ग्राम घोषित करने की भी उठी आवाज

गंगरा/गिद्धौर (Gangra/Gidhaur), 4 अगस्त 2025, सोमवार : बिहार धार्मिक न्यास पर्षद, पटना से निबंधित जमुई जिले की ऐतिहासिक धार्मिक धरोहर बाबा कोकिलचंद धाम गंगरा को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने तथा शत-प्रतिशत शराबमुक्त गंगरा गांव को राज्य सरकार द्वारा आदर्श ग्राम के रूप में गोद लेने की मांग को लेकर बाबा कोकिलचंद धाम मंदिर के सचिव चुनचुन कुमार ने दो दिवसीय दंडवत साधना का अनुष्ठान किया।

यह दंडवत यात्रा रविवार की सुबह बाबा कोकिलचंद पुण्य भूमि (बाबा मारण), जामुखरैया (झाझा) से आरंभ होकर सोमवार दोपहर 2 बजे बाबा कोकिलचंद धाम गंगरा में संपन्न हुई। साधना की पूर्णता पर सावन के अंतिम सोमवार को विशाल ग्राम सामूहिक रुद्राभिषेक पूजन का आयोजन किया गया, साथ ही वर्ष 2009 से जारी ग्राम सामूहिक सोमवारी आरती भी श्रद्धा व भक्ति के साथ सम्पन्न हुई। इस अवसर पर गंगरा सहित आसपास के सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।
पूजन से पूर्व श्री सुबोध सिंह द्वारा बाबा मारण के समीप उलाई नदी से लाया गया पवित्र जल बाबा कोकिलचंद धाम में अर्पित किया गया। बाबा कोकिलचंद विचार मंच के संयोजक चुनचुन कुमार वर्ष 2010 से इस धाम के विकास हेतु समर्पित भाव से प्रयासरत हैं। उन्होंने अब तक दो बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, स्थानीय विधायक दामोदर रावत, सांसद अरुण भारती और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान से भेंट कर बाबा कोकिलचंद धाम को धार्मिक पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाने की मांग रखी है।
चुनचुन कुमार ने पूर्व में संकल्प लिया था कि जिस दिन मुख्यमंत्री तक उनकी मांग पहुंचेगी, उस दिन वे बाबा मारण से बाबा कोकिलचंद धाम तक दंडवत यात्रा करेंगे। इस संकल्प की पूर्ति के लिए उन्होंने यह कठिन व्रत पूर्ण किया, जिसे ग्रामीणों ने गंगरा गांव के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया।
ज्ञात हो कि बाबा कोकिलचंद धाम का इतिहास 700 वर्षों से भी पुराना है। इसे गिद्धौर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह ने स्थापित कराया था। बाबा की महिमा को अक्षुण्ण बनाए रखने हेतु उन्होंने 14 बीघा भूमि दान में दी थी। वर्तमान में यह मंदिर निर्माणाधीन है। यह धाम न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

बाबा कोकिलचंद धाम बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड से मान्यता प्राप्त एकमात्र ऐसा स्थल है, जो जन आस्था, संस्कृति और विरासत का जीवंत प्रतीक है।

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