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टीचर की फरमाईश ने बनाया गायक : अमित यादव


(अनूप नारायण) : भोजपुरी के उभरते गायक अमित यादव को उनके टीचर की फरमाईस ने गायक बना दिया और अब वे भोजपुरी और हिंदी फिल्‍मों में अपने आवाज की जादू बिखेरना चाहते हैं। ये बात खुद अमित यादव स्‍वीकारते हैं। दरअसल अमित यादव उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से आते हैं और इन दिनों मुंबई में वे फिल्‍म इंडस्‍ट्री में काम कर रहे हैं। उनकी गायकी को लोगों ने काफी सराहा है। मगर एक वक्‍त वो भी था, जब उन्‍होंने अपने गाने खुद ही लिखने पड़ते थे और उसको रिकॉर्ड करवाने का खर्चा भी खुद ही उठाना पड़ता था।

अमित यादव के पिता डॉक्‍टर हैं, मगर उनकी रूचि गायकी में रही। बचपन से अमिताभ बच्‍चन के सबसे बड़े फैन हैं। अमित मूलत: गाजीपुर से हैं, मगर उनकी शिक्षा इलाहाबाद और कुंडा प्रताप गंढ से हुई। कुंडा में स्‍कूल के दिनों में 15 अगस्‍त और 26 जनवरी में टीचर उनसे भोजपुरी गाने की फरमाईस करते थे. टीचर को बता था कि वे गाजीपुर से हैं, इसलिए वे ये फरमाईस करते थे। अमित को मदन राय और भरत शर्मा के गाने पसंद थे, जिसे वे स्‍कूल में खास मौके पर गा देते थे। यहीं से उनकी गायिकी की शुरूआत हुई।

अमित बताते हैं कि इसके बाद वे अपनी माटी के लिए कुछ करने की इच्‍छा मन में लिये भोजपुरी में गाना शुरू कर दिया। शुरूआती दिनों में उन्‍हें अपने गाने खुद बनाने पड़ते थे। इसकी शुरूआत उन्‍होंने 2006 में कर दी थी, जब वे इलाहाबाद स्‍टूडियो में अपना पहला गाना रिकॉर्ड करवाया। उसके बाद बनारस में शारदा स्‍टूडियो और फिर मुंबई तक का सफर तय किया। उनके इस छोटे से करियर में पीआरओ संजय भूषण पटियाला का भी खूब साथ मिला। संजय ने उन्‍हे एक पत्रिका से जोड़ा। फिर मुंबई में भी सहायता की।

अमित का गाना जवानी की दबंगई खूब फेमस हुई। उन्‍होंने सनम फिल्‍म के लिए भी गाना गाया। जबकि फिल्‍म घात रिलीज होने वाली है, जिसमें अमित की आवाज सुनने को मिलेगी। अमित बखूबी जानते हैं कि भोजपुरी सिनेमा इंडस्‍ट्री में गायकों के एक्‍टर बनने की संभावना अधिक होती है। इसलिए अमित की ख्‍वाहिश भी है कि वे गाने के साथ – साथ अच्‍छी भोजपुरी फिल्‍मों और हिंदी फिलमों में अभिनय भी करे। पवन सिंह, रवि किशन और खेसारीलाल यादव से प्रभावित अमित यादव को कैलाश खेर के गाने भी खूब पसंद हैं और वे भविष्‍य में सूफी गाना गाना चाहते हैं।


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