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सर्वार्थसिद्धि और वृद्धि योग में सावन की दूसरी सोमवारी आज

[पटना]  ~अनूप नारायण : सावन में शिव की भक्ति में सराबोर सनातन समाज अपनी-अपनी सामर्थ्य के अनुसार कावंर यात्रा, रुद्राभिषेक, जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक के साथ बहुविध रुद्रार्चन करते हुए बाबा भोले को प्रसन्न करने में जुटा हुआ है|

कर्मकांड विशेषज्ञ पं. राकेश झा शास्त्री ने सावन का धार्मिक महातम बताते हुए कहा कि सावन में महादेव का जलाभिषेक करने से सारी मनोकामना पूरी होती है | सुहागन औरते अपनी सुहाग के लिए तथा कुंवारी कन्याएं अच्छे पति के लिए सावन की सोमवारी का व्रत विधि पूर्वक करती हैं | इस दिन भोलेनाथ को गंगाजल, जल, दूध, दही, घी, मधु आदि से अभिषेक करने से वे प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं |
पंडित झा ने बताया कि इस बार सावन की दूसरी सोमवारी कृतिका एवं रोहिणी नक्षत्र के साथ-साथ वृद्धि योग, सर्वार्थसिद्धि योग तथा यायिजय योग होने से और भी उत्तम व पुण्यप्रद हो गया हैं | शिवपुराण के अनुसार सोमवार को शिवपूजन करने से सुंदर जीवन संगिनी और जीवन में सरलता की प्राप्ति होती हैं |
सोमवार का व्रत, पूजन विशेषकर गोधुली बेला में शिव की पूजा करने से मनोवांछित फल मिलता हैं |

● इसका करे पाठ :-
आज के दिन शिवपूजन के बाद शिव तांडव स्त्रोत्र, रुद्राष्टक, शिव कवच, शिव महिम्न या शिव पंचाक्षर में से किसी का पाठ करना चाहिए |

●इसका करे जाप :-
सोमवार के दिन पूजन के बाद 11, 21, 51 या108 बार शिव पंचाक्षरी मंत्र "ॐ नमः शिवाय" , लघुमृत्युंजय मंत्र "ॐ जूं सः", महामृत्युंजय मंत्र "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिम पुष्टि वर्धनम् , उर्वारुकमिव् बन्धनात मृत्योर्मुक्षीय मामृतात" (इनमे से कोई एक)|

●नन्दी पूजन अनिवार्य :-
पंडित राकेश झा के कहा कि सावन के सोमवार को शिवपूजन के बाद नन्दी पूजन कर अपनी कामनाओं को इनके कान में कहने से उसकी पूर्ति जल्दी होती है |

●विशेष श्रृंगार और आरती :-
पंडित झा के कहा सोमवारी पर मंदिरों और शिवालयों में महादेव का विशेष श्रृंगार किया जाता है | चारों पहर में भोलेनाथ की आरती भी की जाती है |

●भैरव पूजन भी जरूरी :-
ज्योतिषी राकेश झा ने कहा कि सावन की सोमवारी पर भैरव पूजन के बिना शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है | बाबा विश्वनाथ की पूजा भी बिना काल भैरव दर्शन के अधूरी मानी जाती है | कलिकाल में भैरव धरती पर विचरण करते हैं | इसलिए भैरव की आराधना, उपासना, मंत्र जाप से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है |

■ अपनी कामना के अनुसार भोलेनाथ को अर्पण करें :-
•संतान सुख के लिए --- आक, धथुर
•वाहन सुख --- चमेली का पुष्प
•धन प्राप्ति --- कमल व गुलाब
•विवाह सम्बंधी लाभ --- बेली या अपराजिता का फूल
•मानसिक शांति --- भांग एवं भस्म
•पारिवारिक कलह --- पीला कनैल, धथुर
•मनोकामना सिद्धि --- बेलपत्र, समीपत्र व कनैल फूल
•सौंदर्य प्राप्ति के लिए --- ढंडा जल, दूध या पंचामृत