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विशेष : टॉपर्स की इस फैक्ट्री में बच्चों को नहीं मिलता ढंग का खाना

सिमुलतला (बीरेन्द्र कुमार)  :- बोर्ड परीक्षाओं में  अपने बेहतर प्रदर्शन के लिए वाहवाही बटोरने वाली सूबे की प्रतिष्ठित सिमुलतला आवासीय विद्यालय के छात्र- छात्राओं के लिए उपलब्ध भोजन व्यवस्था की निविदा स्वतः आज सवालों के घेरे में घिरता प्रतीत हो रहा है। दरअसल, लगातार दो वर्षों से एक ही एजेंसी को विद्यालय में संचालित मेस का जिम्मा सौंपा जा रहा है, जबकि नियमानुसार प्रत्येक वर्ष मेस, सिक्युरिटी एवं अन्य व्यवस्थाओं की निविदा निकालकर उन्हें इस सेवा के लिए बहाल किया जाना प्रस्तावित है।


बताते चलें कि विगत दो वर्षों के दौरान विद्यालय के छात्र छात्राओं ने सिर्फ भोजन की निम्न गुणवत्ता के कारण कई दफा भूख हड़ताल एवं धरना पर्दशन किया है। उसके बावजूद भी निविदा प्रक्रिया में शामिल किए बिना उक्त मेस की सेवा पुनः बहाल किया गया। लिहाजा यह अनियमित व्यवस्था खुद विद्यालय प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा रहा है।


इस संदर्भ में नाम ना छापने के शर्त पर विद्यालय के कई शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों ने बताया कि सिमुलतला विद्यालय में संचालित मेस की गुणवत्ता बहुत ही निम्न है। इस घटिया किस्म के भोजन से बच्चों के स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ रहा है। विद्यालय की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सहित अन्य विधि व्यवस्थाओं पर चर्चा हेतू प्रचार्य एवं अन्य शिक्षकों के साथ बैठक होती थी लेकिन बैठक में जब लच्चर भोजन व्यवस्था के विरुद्ध चर्चा होने लगी, और एक प्रभावशाली कमिटी गठित कर मेस संचालक पर नकेल कसने की बात चर्चा में आई तो विद्यालय में बैठक होना ही बंद हो गया।



कारण चाहे जो भी हो लेकिन विद्यालय के इस लच्चर व्यवस्था के कारण सपनों के सहजादे के नाम से संबोधित इस विद्यालय के बच्चों के ऊंची उड़ान की सपनों पर पानी फिरता प्रदर्शित हो रहा है।
विचारणीय है कि, लोग उक्त विद्यालय के लच्चर व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं, और इधर विद्यालय प्रशासन या सरकार अपनी कुम्भकरणी नींद से जागने में आलस्य दिखा रही है। प्रबंधन को चाहिए कि उक्त संदर्भ में जो मामले सामने आ रहे हैं, उसके लिए मौजूदा सरकार कोई रास्ता निकाले ताकि अपने उद्देश्य प्राप्ति के मार्ग में उत्पन्न रोड़े से उलझे हुए उक्त विद्यालय को बाहर निकाला जा सके।