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मुजफ्फरपुर बालिका गृह के दोषियों को हो फाँसी की सजा : आम आदमी पार्टी

पटना (अनूप नारायण) : आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह के नेतृत्व में मुजफ्फरपुर बालिका गृह में हुई रेप की घटना के खिलाफ विरोध मार्च निकाला गया. राज्य सरकार एवं मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारे लगाये. राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने घटना के सन्दर्भ में पार्टी की बारह-सूत्री मांगपत्र राज्यपाल को सौंपा.

पार्टी ने राज्यपाल से माँग की है कि एफ आई आर पीड़ित बालिकाओं के द्वारा करवाई जाये. सी बी आई की जाँच पटना उच्च न्यायालय की समिति की देख-रेख में हो. प्रत्येक सप्ताह जाँच-प्रगति की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाये. मामले का ट्रायल स्पीडी कोर्ट में चलाया जाये एवं अंतिम निर्णय तक पहुँचने के लिये अधिकतम 6 महीने की समय-सीमा को सुनिश्चित की जाये. संस्था का संचालक एवं मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का नार्को टेस्ट कराया जाये ताकि उन सभी आरोपी अधिकारियों एवं नेताओं तक पहुँचा जा सके, जिनके मूल नाम एवं पहचान से बच्चियाँ अनजान हैं. नार्को टेस्ट में आने वाले नाम के व्यक्तियों की तस्वीरें दिखाकर बच्चियों से दोषियों की पहचान कराई जाये. दोषियों को फाँसी की सज़ा दी जाये. दोषियों को फाँसी से कम की सज़ा पर आम आदमी पार्टी राज्य भर में जन-आन्दोलन करने को बाध्य होगी. समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को तत्काल बर्खास्त किया जाये ताकि उनके पति पर निष्पक्ष तरीके से जाँच-प्रक्रिया चल सके. आरोपी एवं उनसे जुड़े सहयोगी अधिकारियों एवं मंत्रियों को तत्काल बर्खास्त किया जाये ताकि जाँच निष्पक्ष हो सके. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज के सोशल सर्वेक्षण में अन्य जिन 12 संस्थाओं में गड़बड़ी पाई गई है, उन संस्थाओं में रह रहीं सभी बच्चियों का कोर्ट के समक्ष अविलम्ब बयान कराया जाये एवं उन सबको कोर्ट से ही सीधे अन्य सुरक्षित बालिका आश्रय गृहों में भेजा जाये. बालिका गृह के पंजीकरण का आधार को पारदर्शी बनाया जाये. राज्य में चल रहे अन्य समस्त बालिका गृहों, अल्पावास-गृहों एवं बच्चों तथा महिलाओं से सम्बंधित सभी आश्रय गृहों की जाँच करवाई जाये. मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के साथ राज्य के मुख्यमंत्री एवं उप-मुख्यमंत्री के नज़दीकी रिश्तों के सम्बंध में विपक्ष द्वारा लगातार लगाये जा रहे आरोपों की भी गहनतापूर्वक जाँच कराई जाये.
सांसद संजय सिंह ने कहा कि दोषियों को फाँसी से कम की सज़ा पर आम आदमी पार्टी राज्य भर में जन-आन्दोलन करने को बाध्य होगी. उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुये कहा कि एक बार नीतीश कुमार ने कहा था कि वे मिट्टी में मिल जाएँगे पर भाजपा के साथ नहीं जाएँगे. बिहार में रेप एवं हत्या की लगातार हो रही घटनाओं से यह साफ-साफ दिखाई देता है कि नीतीश जी मिट्टी नहीं, बल्कि कीचड़ में मिल चुके हैं. श्री सिंह ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री में रत्तीभर भी नैतिकता बची होती तो वे मुजफ्फरपुर के बालिका आश्रय गृह में नाबालिगों के साथ हुये अमानुषिक रेप की घटनाओं की पुष्टि के बाद इस्तीफ़ा दे चुके होते. किंतु भाजपा की संगत में रहकर उनकी आँखों के शर्म का परदा गिर चुका है, निर्लज्जता का भाव गर्व से चेहरे पर चमचमा रहा है.
श्री सिंह ने कहा कि राज्य में दुःशासन-राज चल रहा है. महिलाएँ और बच्चियाँ घर से बाहर कदम रखते ही असुरक्षित महसूस करने लगती हैं. इसी माह मुजफ्फरपुर में एक अलग घटना में 9 वर्षीय बालिका के साथ गैंगरेप किया गया. विरोध करने पर लड़की के छोटे भाई की हत्या कर दी गई. छपरा का एक मामला प्रकाश में आया, जहाँ एक किशोरी के साथ विद्यालय के प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं 15 छात्र पिछले 7 महीनों से दुष्कर्म करते आ रहे थे एवं उसका वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी दे रहे थे.

उन्होंने कहा कि विगत जून माह में मुख्यमंत्री के हृदय में बसने वाला क्षेत्र नालन्दा में एक 14 वर्षीय नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया एवं उसकी तस्वीरें भी ली गई. पर मुख्यमंत्री पीडिता के घर मिलने तक नहीं गये. गया में सशस्त्र युवाओं के एक समूह ने एक आदमी को पेड़ से बाँध दिया और उसकी पत्नी एवं 15 वर्षीय बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया. मुंगेर जिले के शिशुआ गाँव में 65 वर्ष की वृद्धा के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया. विगत मई माह में कटिहार में 8 वर्षीय बच्ची का उसके निजी शिक्षक ने बलात्कार किया. मुजफ्फरपुर में 7 साल की लड़की को टॉफ़ी का लालच देकर उसके पड़ोसी ने बलात्कार किया. अप्रैल माह में मुजफ्फरपुर के ही 9 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई. भागलपुर के नवगछिया में 14 साल की लड़की का अपहरण कर बलात्कार किया गया. रोहतास में 10 वर्षीय लड़की का पड़ोसी द्वारा बलात्कार किया गया. पूर्वी चम्पारण में 14 वर्षीय नाबालिग अपहरण के बाद सामूहिक बलात्कार और फिर हत्या कर दी गई. जनवरी माह में मधुबनी में 10 वर्षीय बच्ची जब माँ सरस्वती की प्रतिमा-विसर्जन के लिये गई थी तो मौका पाकर अपराधियों ने सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी निर्मम हत्या कर दी.

श्री सिंह ने सवाल किया कि शराबबंदी पर "अंधेर नगरी चौपट राजा" की तरह असंतुलित क़ानून बनाकर रोज तरह-तरह के बेफ़जूल स्टंटबाज़ी करने वाली यह सरकार नाबालिग बच्चियों के साथ रेप के दोषियों के लिये फाँसी की सज़ा का क़ानून आख़िर कब बनायेगी ? उन्होंने कहा कि अगर मुजफ्फरपुर के बालिका आश्रय गृह में हुये नाबलिगों के साथ रेप की घटनाओं के दोषियों को छह महीने में फाँसी की सज़ा नहीं हुई तो आम आदमी पार्टी राज्यभर में इसके लिये जन-आन्दोलन करेगी.  

विरोध-मार्च पार्टी के किदवईपुरी स्थित राज्य कार्यालय से निकाला गया जिसे इनकम टैक्स गोलाम्बर पर प्रशासन द्वारा रोक दिया गया। सांसद संजय सिंह समेत सैकड़ों कार्यकर्ता वहीं सड़क पर बैठ गये। प्रशासन के काफी मशक्कत के बाद कार्यकर्ता सड़क से हटे। फिर प्रदेश प्रवक्ता शत्रुघ्न साहू के नेतृत्व में पाँच सदस्यीय टीम के द्वारा राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया। मार्च में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शत्रुघ्न साहू, अमर प्रसाद यादव,  प्रदेश मीडिया प्रभारी बबलू कुमार प्रकाश, कार्यालय सचिव श्रीवत्स पुरुषोत्तम,पटना जिलाध्यक्ष मनोज कुमार, मृणाल राज, छात्र नेता हिमांशु, सुयश ज्योति, आदि मेहता, ब्रह्म प्रकाश, रीना श्रीवास्तव, रूपम झा, रागनिलता सिंह,उमा दफ़्तुआर, मो शौकत अली,मनीष कुमार, सौरभ शर्मा, संगठन प्रभारी सुशील सिंह, अंगेश सिंह, राकेश यादव, अमित कुमार, राहुल कुमार, डॉ शशिकांत,  सहित हजारों नेता एवं कार्यकर्ता शामिल हुये. राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाये गये.