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इलाके में धुल व प्रदुषण से बढ़ रहे हैं अस्थमा के मरीज : डॉ. ए. आर. काजमी


Gidhaur.com:(अलीगंज):- प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रो में धुल ,धुआँ,बीड़ी,सिगरेट, जानवरों के संपर्क व ठंडे खाध पदार्थो के सेवन से होने वाली एलर्जी के मरीजों की संख्या प्रखंड मुख्यालय में लगातार बढ़ती जा रही है।05 साल से 11 साल के बच्चों पर प्रदुषण का अधिक प्रभाव पड़ रहा है।

आमतौर पर इस उम्र के बच्चे प्रतिदिन स्कूल के लिए घरों से निकलते हैं।साँस व हृदय रोग विशेषज्ञ डाक्टर ए आर काजमी ने बताया कि यातायात के बढ़ते दबाव से वातावरण में रसायन युक्त धुआँ मिश्रित रहता है।जगह-जगह कंस्टक्शन कंपनियों का निर्माण कार्य भी चलता है।नतीजतन पुरे  राज्य मे विभिन्न तरह के प्रदुषण जनित समस्याए उत्पन्न हो रही है।समय पर इलाज नही होने पर यही एलर्जी अस्थमा में परिवर्तित हो जाता है।

डॉक्टर रंजय कुमार ने बताया कि अस्थमा व दमा जेनेटिक बीमारी भी है।वर्तमान समय में हर दसवाँ बच्चा अस्थमा जैसे लक्ष्णो से प्रभावित है।बेहतर होगा कि बच्चों को ठंडी खाध सामग्री खाने को ना दे।धूल ,धुआँ पालतु पशुओं व जानवरों से स्वयं को बचाना आवश्यक है।उन्होंने ने कहा कि अस्थमा जेनेटिक होने के साथ लाइलाज भी है।अस्थमा के मरीजों के लिए इनहेलर जीवनदायिनी समान है।इसके इस्तेमाल से साँस नली की सिकुडन कम होती है।लाइलाज बीमारी होने के कारण दवा से इसका प्रभाव कम हो जाता है।

चंद्रशेखर सिंह
अलीगंज
28.06.2018

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