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स्थिति चिंताजनक, देवस्थलों में लगती है गंजेड़ियों, नशेड़ियों, जुआड़ियों की जमात

Gidhaur.com (न्यूज़ डेस्क) : यूं तो गिद्धौर जैसे क्षेत्र में कई जगहों पर जुए की सट्टेबाजी बेधड़क चलने की खबर है। पर अव्वल तो यह है कि जुआरीयों को ईश्वरालय में भी बैठकर जुआ खेलने से इन्हें कोई गुरेज नहीं है। सदियों पूर्व से चले आ रहे हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार मंदिर परिसर में नशापान कर प्रवेश करना घोर पाप माना जाता है, लेकिन गिद्धौर जैसे घनी आबादी क्षेत्र में स्थित मंदिरों में ही हमारी आस्था शर्मसार होती नजर आ रही है।

क्योंकि गिद्धौर अंतर्गत अवस्थित अधिकांश मंदिर परिसर वर्तमान में असामाजिक तत्वों का अड्डा बनकर रह गया है। जिससे क्षेत्र के श्रद्धालुओं को इन मंदिरों में पूजा-पाठ करने में घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

विदित हो कि, गिद्धौर के महावीर मंदिर एवं पंचमंदिर, बाबा बूढानाथ मन्दिर जैसे प्राचीन व प्रतिष्ठित देवस्थलों में सूर्यास्त होते ही गंजेड़ियों, नशेड़ियों व जुआ खेलने वालों की जमात लगी रहती है। इससे दिन-ब-दिन मंदिर की प्रतिष्ठा धूमिल होती जा रही है।

महिलाएँ मंदिर आने में कतराने लगे हैं। दीपावली की संध्या शाम हो या सुबह दिन भर इन मंदिरों में असामाजिक तत्व गांजे व भांग के नशे में धुनि रमाये देखे गये, जिस वजह से  महिला श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना करने में असहजता महसूस हुई।

बात इतने में ही ख़तम नही होती, दिवाली जैसे हर्ष-उल्लास के इस पर्व में शौक और लालच ने इन जुएबाजों को अपने गिरफ्त में इस तरह से लिया है कि हर पर्व त्यौहार में इनका यही रवैया देखने को मिलता है। प्रशासनिक स्तर पर इन मंदिरों को असामाजिक तत्वों से मुक्त करने की कवायद करते हुए इस तरह के घृणित कार्य बंद होने चाहिए तभी मंदिर की धूमिल प्रतिष्ठा को आस्था से सजाया जा सकेगा। खैर, जो भी हो फिलहाल तो इस संदर्भ में कोई भी प्रशासनिक गतिविधियाँ दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रही है।

अभिषेक कुमार झा
गिद्धौर     |      20/10/2017, शुक्रवार
www.gidhaur.com

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