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पति की दीर्घायु की कामना के साथ वट सावित्री पूजा संपन्न

जब तक दूर क्षितिज पर दिख रहे सूर्य ने पहाड़ियों के आंचल में छिपने की तैयारी शुरू नहीं की तब तक सौभाग्यवती, विवाहित, महिलाओं के अनुष्ठान महापर्व वट सावित्री पूजन जारी रहा। हमारे हिन्दु रीति-रिवाजानुसार, पति की दीर्घायु जीवन के लिए सुहागन महिलाएं वट सावित्री की पूजा एवं व्रत करती हैं। वट सावित्री व्रत चतुर्दशी अमावस्या के दिन मनाया जाता है। वटवृक्ष की आयु बहुत ही लंबी होने के साथ गर्मी के दिनों में शीतलता लोगों को प्रदान करती है। अत: उसी को निमित्त मानकर सावित्री, सत्यवान एवं यम की पूजा इस वट सावित्री व्रत में की जाती है। 

(गिद्धौर    |    अभिषेक कुमार झा)
वट सावित्री व्रत को लेकर गिद्धौर बाजार में बुधवार से ही महिलाएँ इस भीषण गर्मी में भी अपने पति की दीर्घायु की कामना वाले व्रत के लिए 'तार का पंखा', सुहाग का सामान, फल-फूल आदि खरीददारी करती हुई उत्साहित दिखीं। इस व्रत से स्त्री के कर्तव्य, पति-प्रेम एवं दृढ इच्छाशक्ति से असंभव को संभव बनाने की शिक्षा मिलती है। कच्चे धागे से वृक्ष की परिक्रमा कर बांधा जाता है। चना, पकवान एवं फल आदि से इन देवों की पूजा की जाती है। प्रत्येक नारी इस व्रत को आत्मसात करते हुए पूजा करती हैं। गिद्धौर के पंचमंदिर प्रांगण स्थित वट वृक्ष का पूजन कर स्थानीय महिलाओं ने दीर्घायु कर दीप जलाकर अपने पति के लंबी उम्र की मंगल कामना की।

(मौरा    |     रोहित कुमार झा)
पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत के उपलक्ष्य में मौरा ग्राम में वटवृक्ष की पूजा के साथ संपन्न हुआ। वट सावित्री सुहाग की रक्षार्थ की पूजा अर्चना बृहस्पतिवार को गिद्धौर के मौरा पंचायत  में बड़ी धूम-धाम से मनाई गई। यह पर्व देहाती रूप रेखा के अनुसार वट सावित्री की पूजा अर्चना को खड़ी भाषा में बरसायत भी कहा जाता है। इस पर्व से तात्पर्य वर के साथ-साथ सदा साथ नीभाने वाली जोड़ी से है। यहाँ वर के लिये उत्तम कन्या और कन्या के लिये उत्तम वर से है, जो हमेशा अपने सुहाग के रक्षार्थ एवं लम्बी उम्र की कामना परम पिता से करते हैं। अधिकाँश जगहों पर महिलाओं ने जहाँ आसपास बरगद के पेड़ों के पास पूजा की वहीँ कई जगह नव-विवाहिताओं ने घर के आंगन में ही वट वृक्ष की टहनी बिठाकर धार्मिक रीति-रिवाज से पूजा-अर्चना की। 

(सेवा    |     सुमित कुमार सिंह)
गुरुवार को पूरे नियम-निष्ठा से वट सावित्री व्रत संपन्न हुआ। कड़ी धूप मे भी अपने पति के लंबी आयु के लिए पूजन करते हुए तो कहीं कुछ महिलाएं एक दूसरे के माथे पर सिंदूर लगा कर सदैव सुहागन रहने हेतु वट वृक्ष की आराधना की।

www.gidhaur.blogspot.com टीम की प्रस्तुति

~गिद्धौर   |    25/05/2017, गुरुवार 

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