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धोरैया : लोस चुनाव को लेकर शिक्षकों को EVM और वीवी पीएटी का मिला प्रशिक्षण

[धोरैया (बांका) | अरुण कुमार गुप्ता]

भारत एक लोकतांत्रिक देश है यहां के लोकतंत्र की रक्षा के लिए समय समय पर आवश्यक कदम उठाए जाते हैं ।भारत के निर्वाचन आयोग की भूमिका एक लोकतंत्र में बहुत अधिक रहती है स्वतंत्रता के बाद भारत में जब निर्वाचन शुरू हुआ तो बैलट पेपर का इस्तेमाल किया जाता था। कालांतर में इस सिस्टम में बहुत खामियां नजर आई जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती थी साथ ही लोकतंत्र के लिए भी घातक सिद्ध हो सकती थी इसके बाद ईवीएम का दौर आया ।पिछले दो-तीन दशकों से यह निर्वाचन के लिए प्रयोग में लाया जा रहा है अब पुनः देश के कई राजनीतिक पार्टियों द्वारा निर्वाचन आयोग के चुनाव के लिए वीवीपीएटी सिस्टम के इस्तेमाल की बात कही जा रही है जिसे लेकर बुधवार को प्रखंड मुख्यालय स्थित सभा भवन में लोकसभा चुनाव में ईवीएम के साथ साथ वीवी पीएटी के उपयोग को लेकर शिक्षको को बीडीओ अभिनव भारती की मौजूदगी में प्रशिक्षण दिया गया।जिसमें उपस्थित प्रशिक्षक मध्य विद्यालय गचिया के प्रधानाध्ययापक रविंद्र भगत,इरशाद अंशारी,शंभु मंडल ने इसके संचालन की जानकारी देते हुए वताया की चुनाव के दौरान मतदान केंद्र पर जब कोई मतदाता वीवीपीएटी मशीन की सहायता से वोट डालता है तो इस मशीन से एक प्रिंटेड पर्ची निकलती है। इस पर्ची में वोट दी गई पार्टी का चुनाव चिन्ह तथा उम्मीदवार का नाम छपा हुआ होता है। इस सुविधा से वोट देने वाले इस बात से निश्चिंत हो जाता है कि उसका वोट उसके द्वारा चुने गए उम्मीदवार को गया है। मतदाता द्वारा वोट डालने के बाद इस मशीन के ग्लास केस में लगभग 7 सेकंड तक यह पर्ची नजर आती है इसके बाद पर्ची प्रिंट होकर मशीन के ड्रॉप बॉक्स में आ जाती है पर्ची के ड्रॉप बॉक्स में आने पर एक भी सुनाई देती है।


इसी जागरूकता को लेकर यह प्रशिक्षण सभी विद्यालय के शिक्षको के अलावा तमाम कर्मियों,जनवितरण प्रणाली विक्रेता,मुखिया,सरपंच,पंचायत समिति सदस्य,वार्ड,पंच,आशा कार्यकर्त्ता,सेविकाओं को अलग अलग दी जानी है।प्रशिक्षण में ईवीएम के दो यूनिट कंट्रोल एव वायलेट यूनिट की जानकारी देते हुए वीवीपीएटी के साथ जोड़कर चलाने की बात बताई गई।वही ईवीएम के चार भागों डिस्प्ले सेक्शन,केन्टीडे सेक्शन,रिजल्ट एव बैलेट सेक्शन की भी जानकारी दी गई।वही जब भी वोटिंग के दौरान मशीन को वीवीपीएटी से जोड़ना हो इससे पूर्व सभी मशीनों का स्वीच ऑफ कर जोड़ने की बात कही गई।वही मशीन से छेड़छाड़ नही करने को वताया गया।

वीडीओ ने बताया कि सर्वप्रथम इसका उपयोग  2013 में नागालैंड के उपचुनावों में किया गया था, किंतु मिजोरम देश का पहला राज्य बना जहां पर इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हो सका था इस राज्य के अजमेर जिले में इसका 10 निर्वाचन क्षेत्रों में निर्वाचन इसके प्रयोग से हुआ राष्ट्रीय स्तर पर देश के सोलवे लोकसभा चुनाव में इसका प्रयोग 543 निर्वाचन क्षेत्रों में से 8 निर्वाचन क्षेत्रों में हुआ था जिसके अंतर्गत देश के 5 राज्यों में 516 मतदान केंद्र शामिल किए गए थे।


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