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गिद्धौर : बिजली रानी की आँख-मिचौली से परेशान है कुमरडीह की जनता

[कुमरडीह | विमल मिश्रा] Edited by - Abhishek Kumar Jha
वर्तमान समय में जहाँ सूबे के मुखिया नीतीश कुमार 24 घंटे बिजली देने कि बात करते नहीं अघाते, वहीं हकीकत में उनके ये वादे और दावे केवल मीडिया के सुर्ख़ियों तक ही सीमित नजर आते हैं। बिजली के सन्दर्भ में दावे और ज़मीनी हकीकत में आसमान-जमीन का फर्क है. आइये आज फिर से बात करते हैं बिजली के मुद्दे पर.
इन दिनों गिद्धौर प्रखंड में बिजली कि आँख-मिचौली ने लोगों का जीना हराम कर रखा है. किसानों के चेहरे कि तो मुस्कान ही गायब हो चुकी है, एक तरफ इन्द्रदेव और दूसरी ओर बिजली दोनों ही इन्हें दगा दे रही है. खेतों मे बिन पानी धान के पौधे पीले पड़ने लगे हैं.
आपका अपना पोर्टल gidhaur.com लगातार बिजली के मुद्दे पर आपकी आवाज बुलंद कर रहा है. इसी क्रम मे आज हम बात करेगें गिद्धौर प्रखंड अन्तर्गत कुमरडीह गाँव की.
बताते चले कि कुमरडीह की जनता महीनों से बिजली कि अनियमितता से त्रस्त है. लगातार रूक-रूककर आने-जाने वाली बिजली से कुमरडीह गांव के किसानों में बिजली विभाग के प्रति रोष देखा जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि गिद्धौर पावर ग्रिड से मिल रही बिजली कुछ दिनों से सिर्फ गिद्धौर को ही दी जा रही है जबकि आसपास के गाँवों को रात अंधेरे में गुजारनी पड़ रही है. बच्चों के पढ़ने के समय में बिजली काट लिया जाता है.
बता दें कि कुमरडीह के 5 और 6 नम्बर वार्ड में पहले से ही 16 केव‌ी की ट्रांसफार्मर से बिजली आपूर्ति अच्छी तरह पूरी नहीं हो पा रही है. इन वजहों से कुमरडीह के किसान भी परेशान हैं। धान के पौधे सूखने के कगार पर हैं। नदी में पानी की कमी होने के कारण पूर्वजों द्वारा बनाया का पाईन भी साथ नहीं दे रहा है. कुमरडीह के लोगों का कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो हमें विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करने को विवश होना पडे़गा.
अब जो भी हो, सवाल ये उठता है कि प्रखंड क्षेत्र मे बिजली के सुचारु रूप से संचालित होने में कितने समय लगेंगे या फिर विभाग का रवैये ऐसे ही सुस्त बना रहेगा?