
बता दें कि मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है। गिद्धौर राजमहल (Gidhaur Fort) से सटे सड़क से होकर आने वाला बारिश का पानी अपने साथ साथ मिट्टी भी बहाकर नदी में ले जाता है। जिससे मिट्टी का सतह नीचे हो गया है।
मिट्टी के कटाव की वजह से घाट जाने के रास्ते में गड्ढे बन गए हैं। शारदीय नवरात्र के समय बड़ी संख्या में लोग इसी घाट पर उलाई नदी में स्नान कर दंडवत देते हुए माँ दुर्गा की मंदिर तक आते हैं। प्रतिवर्ष इस जगह शारदीय दुर्गा पूजा सह लक्ष्मी पूजा समिति द्वारा बालू बिछाया जाता है। जिससे कि श्रद्धालुओं को समस्या न हो। लेकिन अब मिट्टी के कटाव की वजह से इसपर ध्यान देते हुए जल्द ही घाट किनारे मिट्टी भराई कर मरम्मतीकरण की आवश्यकता है।