
[gidhaur.com | अलीगंज (जमुई)] :- एक ओर जहां मौजूदा सरकार स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की कवायद कर रही है।वहीं दूसरी ओर विद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी उनके तमाम दावों को निराधार साबित कर रही है।अब आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश स्कूलो में शिक्षकों की कमी है।फिर कैसे मिलेगी बच्चों गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा ? अलीगंज प्रखंड में कुल विद्यालयों की संख्या 129 है।और अधिकांश विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। प्रखंड के अधिकांश विद्यालयों में विषयवार शिक्षको की कमी है और सरकार गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की ढिनढोरा पीट रही है कि प्रति छात्र 40 पर एक शिक्षक को नियुक्ति होनी है,लेकिन यह आंकडा प्रखंड के किसी भी विद्यालय में पूरी नही हो पा रही । प्रखंड के मध्य विद्यालय मैना चातर में 300 बच्चों को पढाने के लिए मात्र तीन शिक्षक प्रभारी सहित हैं पदस्थापित हैं।अब आप सहज ही अंदाजा लगा सकते है,बच्चों को कितना गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल पाता होगा।जबकि इस विद्यालय में वर्ग एक से आठ तक पढ़ाई की जाती है।
ग्रामीणों का है कहना
ग्रामीण योगीराज सिंह बताते है कि विद्यालय में बच्चों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की कमी है। तीन शिक्षक, तीन सौ बच्चों को कितना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे पायेगे।जबकि विद्यालय में संसाधनों की कोई कमी नहीं है।लेकिन वर्षो से शिक्षको की कमी होने से बच्चों को विषयवार शिक्षा नही मिल पा रही है।शिक्षको की कमी के कारण बच्चों उचित शिक्षा से वंचित रह जाते है।
कहते हैं पदाधिकारी
प्रभारी शिक्षा पदाधिकारी राम स्वरूप प्रसाद ने बताया कि शिक्षकों की कमी है।जल्द ही पुरा किया जाएगा।