
यहां पाठकों को बताते चलें कि एक पंचायत सचिव को 2-2 पंचायतों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पंचायत में संचालित योजनाओं में सचिव को संवेदक बनाया जाता है ऐसे में पंचायत सचिवों पर कार्यों का दबाव बढ़ गया है। मनरेगा एवं इंदिरा आवास छोड़कर पंचायत के सभी कार्यों का निष्पादन और ऑडिट का जिम्मा पंचायत सचिव को ही रखनी पड़ती है। इस कारण से एक पंचायत एक पंचायत सचिव सही से एक पंचायत भी संभाल नहीं पाते तो दो -दो पंचायत को संभाल पाना उनके लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है।
खबर से अवगत करते चलें कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पंचायतों में वृद्धा पेंशन विधवा पेंशन, लक्ष्मी बाई योजना, आदि के लाभुकों को पेंशन की राशि सीधे उसके खाते में भेजने की योजना है जो कि सचिव की कमी के कारण समय से नहीं हो पा रहा है ।
(भीम राज)
रतनपुर | 10/02/2018(शनिवार)
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