
प्रत्यक्षदर्शी यात्रियों के अनुसार ट्रेन के गिद्धौर रेलवे स्टेशन आउटर सिग्नल पहुँचने के कुछ दूर पहले ही ऊपर का हाईटेंशन वायर टूटकर रेल के डब्बे के ऊपर आ गिरा। जिसके बाद ट्रेन रुक गई और यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। ट्रेन के रुकते ही यात्री किसी अनहोनी की आशंका से भागते हुए गिद्धौर रेलवे स्टेशन पहुंचे।
अनुभवी तकनीशियनों ने जोड़ा तार
तार गिरने की सूचना पाते ही गिद्धौर रेलवे स्टेशन के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायज़ा लिया। जिसके बाद अनुभवी तकनीशियनों द्वारा तार को फिर से जोड़ा गया तब जाकर रेल गाड़ियों का परिचालन शुरू हो सका।
तार गिरने की सूचना पाते ही गिद्धौर रेलवे स्टेशन के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायज़ा लिया। जिसके बाद अनुभवी तकनीशियनों द्वारा तार को फिर से जोड़ा गया तब जाकर रेल गाड़ियों का परिचालन शुरू हो सका।
ऑन ड्यूटी स्टेशन मास्टर राजन जी ने बताया कि 3 बजकर 48 मिनट पर दादपुर से ट्रेन पास होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद गिद्धौर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन आने की सूचना प्रसारित की गई। लेकिन गिद्धौर रेलवे स्टेशन के आउटर सिग्नल के पहले ही करीब 3 बजकर 55 मिनट के आसपास तार गिरने की सूचना हमें प्राप्त हुई।
अर्थिंग वायर होने की वजह से टल गई अनहोनी
उन्होंने बताया कि किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। रेल के डब्बे पर गिरा तार अर्थिंग वायर था इस वजह से दुर्घटना टल गई। अगर तार करेंट का रहता तो किसी भी प्रकार की अनहोनी घट सकती थी।
इस दौरान टाटा-दानापुर सुपर एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे यात्री हताश-परेशान नजर आए। ट्रेन से उतर कर परिचालन शुरू होने के जानकारी की पूछताछ करने टिकट काउंटर और स्टेशन मास्टर के कक्ष में बड़ी संख्या में यात्री जुटे रहे। इसके अलावा कई यात्रियों ने वैकल्पिक साधनों से सड़क मार्ग द्वारा अपना सफ़र पूरा किया।
तार गिर जाने की वजह से ट्रेन करीब सवा दो घंटे लेट हो गई। 3:55 अपराह्न से आउटर सिग्नल पर खड़ी ट्रेन 5:24 अपराह्न में गिद्धौर रेलवे स्टेशन पर आकर खड़ी हुई। करीब 2 घंटे 11 मिनट लेट हो चुकी ट्रेन 5:26 अपराह्न में जमुई के लिए प्रस्थान की। जिसके बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली और भगवान को धन्यवाद दिया।