[gidhaur.com|अभिषेक कुमार झा] : जमुई सिविल कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शशिभूषण मणि त्रिपाठी के न्यायालय में जिले के खैरा थाना अंतर्गत परसा गांव निवासी नागेश्वर सिंह द्वारा आईपीसी की धारा 409 और 6 के तहत स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया मुख्य शाखा जमुई के चीफ मैनेजर के ऊपर एक परिवाद दायर किया गया है।
जिसमें उन्होंने कहा है कि पूर्व में उनके द्वारा एक होम लोन लिया गया था। उस दौरान उन्होंने अपनी संपत्ति के कागजात को जमा कर उसके एवज में लोन स्वीकृत करवाया था। जिसके बाद उक्त होम लोन के तमाम ऋण को उनके द्वारा चुकता कर दिया गया।
बावजूद इसके जब वह बैंक शाखा में जमा किये गए अपने मूल्यवान प्रतिभूति यानि भूमि के कागज को मांगने गए तो प्रबंधक के कर्मचारी ने चाय-पानी का खर्चा मांगा। जिसे देने से इंकार करने के उपरांत वह प्रबंधक से मिले। प्रबंधक ने 1 सप्ताह के बाद बुलाया और 1 सप्ताह के बाद जाने के बाद भी संपत्ति के कागजात को लौटाने से इंकार कर दिया। साथ ही यह भी धमकी दी कि अब उन्हें किसी भी कीमत पर संपत्ति के कागजात वापस नहीं किए जाएंगे।
परिवाद दायर करने वाले नागेश्वर सिंह ने कहा कि बैंक प्रबंधन पर विश्वास करके अपनी भूमि बाबा के मकान के कागजात जमा किए थे। लेकिन बैंक द्वारा सम्बंधित कागजात वापस करने से मना किया जा रहा है। यह कार्य अमानत में खयानत अपराध के परिधि में आता है। जिस वजह से नागेश्वर सिंह ने सीजेएम जमुई की अदालत में एक मुकदमा दायर किया है जिसे सीजेएम जमुई ने ग्रहण करते हुए इसे अग्रिम कार्यवाही करने की बात कही है।
न्यूज डेस्क | 08/02/2018 (गुरूवार)
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