Gidhaur.com(आर्टीकल):-आत्महत्या ही क्यों ?
ये जो लोग जिंदगी से हारते हैं। वो आत्महत्या ही क्यों करते है ?
क्या आत्महत्या करना ही हर मुसीबत का समाधान है?
नहीं आत्महत्या एक जुर्म है ।ये करना बहुत नुकसानदेह है।
हर परेशानी हर मुसीबत का सामना करो ना । अगर परेशानी है तो उसका समाधान भी है।
यू खुद को और अपने परिवार वालो को तकलीफ क्यों देना।
ये कायर जैसा खुद को खत्म क्यों करना? क्यों तकलीफ़ से लड़ना नहीं चाहते है लोग?
क्यों इस दलदल में जाना, और अपनी जिंदगी हारना?
जब कभी ऐसी सोच आये ना तब एक बार उनके बारे मे सूचना जिनको आपसे उम्मीद हैं जो बस आपके लिए जीते हैं। हर परेशानी का हल माता पीता के पास होता है।
सर्वप्रथम अपने माता पिता से उपने हर दुःख को बांटो।
हर परेशानी का हल मिलेगा। जब हृदय और मस्तिष्क मे नकारात्मक सोच आये ना तो
आकर अपने माँ की गोद मे सो जाना । तब वही सकारात्मक सोच, आत्म विश्वास और ईश्वर मिलेंगें।
जब कभी मन परेशान हो तो माँ को कहना के सर पे मेरे हांथ फिरो दे ।
देखना सुकून मिलेगा। बच्चों अपनी हर परेशानी अपने अभिभावक को बताए ।
कुछ बुरी बाते अपने दिमाग मे न रखे , भरोसा रखें हर चीज का समाधान जरूर निकलेगा। कभी बूरी परिस्थितियों में माता पिता को न भूले। अपने तथ्यों को विराम देते हुवे अंत में यही कहूंगी की मत कर आत्महत्या ए दोस्त इसे तुम्हे और तूमसे जुड़ी हर ज़िंदगी को तकलीफ़ मिलेगी|
ये जो लोग जिंदगी से हारते हैं। वो आत्महत्या ही क्यों करते है ?
क्या आत्महत्या करना ही हर मुसीबत का समाधान है?
नहीं आत्महत्या एक जुर्म है ।ये करना बहुत नुकसानदेह है।
हर परेशानी हर मुसीबत का सामना करो ना । अगर परेशानी है तो उसका समाधान भी है।
यू खुद को और अपने परिवार वालो को तकलीफ क्यों देना।
ये कायर जैसा खुद को खत्म क्यों करना? क्यों तकलीफ़ से लड़ना नहीं चाहते है लोग?
क्यों इस दलदल में जाना, और अपनी जिंदगी हारना?
जब कभी ऐसी सोच आये ना तब एक बार उनके बारे मे सूचना जिनको आपसे उम्मीद हैं जो बस आपके लिए जीते हैं। हर परेशानी का हल माता पीता के पास होता है।
सर्वप्रथम अपने माता पिता से उपने हर दुःख को बांटो।
हर परेशानी का हल मिलेगा। जब हृदय और मस्तिष्क मे नकारात्मक सोच आये ना तो
आकर अपने माँ की गोद मे सो जाना । तब वही सकारात्मक सोच, आत्म विश्वास और ईश्वर मिलेंगें।
जब कभी मन परेशान हो तो माँ को कहना के सर पे मेरे हांथ फिरो दे ।
देखना सुकून मिलेगा। बच्चों अपनी हर परेशानी अपने अभिभावक को बताए ।
कुछ बुरी बाते अपने दिमाग मे न रखे , भरोसा रखें हर चीज का समाधान जरूर निकलेगा। कभी बूरी परिस्थितियों में माता पिता को न भूले। अपने तथ्यों को विराम देते हुवे अंत में यही कहूंगी की मत कर आत्महत्या ए दोस्त इसे तुम्हे और तूमसे जुड़ी हर ज़िंदगी को तकलीफ़ मिलेगी|
(स्नेहिल भारद्वाज)
देवघर | 02/01/2018(मंगलवार)
देवघर | 02/01/2018(मंगलवार)