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गुरुवार, 14 दिसंबर 2017

गिद्धौर : एम आर के भागीरथी प्रयास से मौरा में आई हरियाली

Gidhaur.com (News Desk):- लगभग एक दशक से वीरान हो चुके गिद्धौर क्षेत्र के मौरा पंचायत में हरियाली वापस लौट आई है। मौरा की धरती पर हरियाली लौटाने का भागीरथी प्रयास मौरा के मूल निवासी एवं देवघर में एम आर के रूप में कार्यरत् नुनुमणि झा द्वारा शुरू हुआ, और अब देखते ही देखते मौरा जैसे सुदूर इलाके में नुनुमणि झा का अथक प्रयास अब हरियाली का रंग ले चुका है।
गांव के पुराने-बुजुर्ग लोग बताते हैं कि मौरा जैसे गांव में शिक्षा की उपेक्षा के कारण,अपने घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग एक दशक से इलाके में जरूरत भर लकड़ी की अंधाधुंध कटाई की गई। इससे पेड़ तो खत्म हो ही गए, जमीन भी बंजर होती चली गई। हाल ही सबको गैस कनेक्शन मिलने से लकड़ी के कटाई पर रोक लग पाया है। फिर भी चिटपूट आसपास निवास कर रहे लोगों को घरेलू कार्यो के लिए जैसे दतवन, सहित मवेशियों के चराने के लिए चारा के लिए अपने द्वारा लगाए पेड़ पर ही आश्रित रहना पड़ता है।
अपने इलाके के ग्रामीण मानसिकता को देखकर उसे सकारात्मक रूप से लेते हुए इस अभियान के नेतृत्वकर्ता नुनुमणि झा ने कई लोगों से वृक्ष बचाने के लिए ग्रामीणों के साथ बैठक की, और फिर इस अभियान को आगे ले जाने के उद्देश्यार्थ ग्रामीणों के सहयोग से खोए हुए वृक्षों को प्रतिस्थापित करने का कार्य करने लगे।
*रक्षा सूत्र बांधकर परंपरा की रखी नींव* :
मौरावासी यहां तक बताते हैं कि, वृक्ष बचाने के लिए रक्षा बंधन के दिन, इस अभियान के नेतृत्वकर्ता नुनुमणि झा ने नई परंपरा की नींव रखते हुए शेष पौधे को रक्षा और नए पौधे को लगाने हेतु संकल्प लिया।
और रक्षा सूत्र लेकर श्री झा ने ग्रामीणों के साथ पेड़ बचाने के लिए संयुक्त रूप से पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधने की शुरुआत की। और आज लगभग तीन साल के दौरान अपने मेहनत और लगन से पर्यावरण के प्रति काफी संवेदनशील श्री झा ने बंजर पड़े जमीन में सैंकडों पेड़-पौधों को जीवनदान देकर नए नए पौधे लगाए जिनमें से अमरूद,आम,शीसम,मगुली,सागवान, नीम प्रमुख हैं। जिससे की इस बंजर पड़े जमीन पर हरियाली की छटा से पूरा मौरा गांव अभिभूत हो रहा है।

कड़ी आलोचना और भर्त्सना से भी नहीं डगमगाए कदम 
विदित हो कि इस कारवां को आगे बढाने के दौरान अभियान के नेतृत्वकर्ता नुनुमणि झा को काफी संघर्ष भी करना पड़ा, कई लोगों ने निन्दा की, कई लोगों ने भर्त्सना, लेकिन ये सभी बाधाएँ भी उन्हें अपने मौरा में हरियाली लाने वाले लक्ष्य से नहीं भटका सके।
(अभिषेक कुमार झा)
गिद्धौर | 14/12/2017 (गुरुवार)

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