गिद्धौर/जमुई। बसंत पंचमी के पावन अवसर पर आयोजित होने वाली सरस्वती पूजा को लेकर गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र में तैयारियां जोरों पर हैं। पूजा से पूर्व देवी सरस्वती की प्रतिमाओं के निर्माण का कार्य प्रारंभ हो चुका है, जिससे क्षेत्र के मूर्तिकारों के कार्यशालाओं में चहल-पहल बढ़ गई है। कारीगर दिन-रात मेहनत कर आकर्षक और कलात्मक प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। प्रखंड क्षेत्र में प्रसिद्ध मूर्तिकार मनोज पंडित, श्याम पंडित, राजकुमार रावत, विष्णुदेव पंडित सहित अन्य कलाकार अपने सहयोगियों के साथ मिट्टी, रंग और सांचे के माध्यम से प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं।
आगामी 23 जनवरी 2026 को बसंत पंचमी मनाई जाएगी, जिसके मद्देनज़र अभी से ही पूजा समितियों एवं श्रद्धालुओं द्वारा प्रतिमाओं के ऑर्डर दिए जा रहे हैं। मूर्तिकार राजकुमार रावत ने बताया कि अधिकतर प्रतिमाएं ऑर्डर के अनुसार बनाई जाती हैं। ग्राहक अपनी पसंद, आकार और डिजाइन के अनुरूप प्रतिमा तैयार कराने के लिए पहले ही संपर्क कर लेते हैं।
वहीं, मूर्तिकार विष्णुदेव पंडित ने कहा कि उनके द्वारा बनाई गई मूर्तियों की मांग केवल स्थानीय क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि दूर-दराज के गांवों और क्षेत्रों से भी लोग प्रतिमा लेने आते हैं। मूर्तिकार मनोज पंडित ने बढ़ती महंगाई पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कड़ी मेहनत के बावजूद उन्हें अपेक्षित मेहनताना नहीं मिल पाता। फिर भी वर्षभर के इंतजार के बाद सरस्वती पूजा के अवसर पर माता की कृपा से परिवार के जीवनयापन की व्यवस्था हो जाती है। उन्होंने कहा कि यह पर्व मूर्तिकारों के लिए आस्था के साथ-साथ आजीविका का भी महत्वपूर्ण साधन है।
वहीं, मूर्तिकार श्याम पंडित ने बताया कि अब ग्राहक मोबाइल में देवी सरस्वती की विभिन्न प्रतिमाओं की तस्वीरें लेकर आते हैं और उसी डिजाइन के अनुसार प्रतिमा बनाने की मांग करते हैं। मूर्तिकार सभी सहयोगियों के साथ मिलकर ग्राहकों की पसंद के अनुरूप प्रतिमा तैयार करते हैं। उन्होंने बताया कि गिद्धौर प्रखंड के अलावा अन्य गांवों से भी बड़ी संख्या में लोग ऑर्डर पर प्रतिमा लेने आते हैं और कई बार बसंत पंचमी की सुबह तक प्रतिमाओं की डिलीवरी दी जाती है। कुल मिलाकर, सरस्वती पूजा को लेकर गिद्धौर क्षेत्र में धार्मिक उत्साह के साथ-साथ कारीगरों की मेहनत और रचनात्मकता भी साफ झलक रही है, जो आने वाले दिनों में और तेज होने की उम्मीद है।






