जमुई/बिहार (Jamui/Bihar), 22 दिसंबर 2025, सोमवार : जमुई जिला मुख्यालय स्थित शुक्र दास स्मृति भवन में सोमवार को महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के पंजीकरण एवं उनके निवारण को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी नवीन कुमार द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर जिला स्तरीय पदाधिकारी और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से शी-बॉक्स पोर्टल की शुरुआत की गई है, ताकि कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों को दर्ज कर उनका त्वरित और पारदर्शी समाधान किया जा सके। यह पोर्टल महिलाओं को एक सुरक्षित डिजिटल मंच उपलब्ध कराता है, जहां वे बिना किसी भय के अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं।
जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि शी-बॉक्स पोर्टल भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया है। यह पोर्टल कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करने के लिए एकल मंच प्रदान करता है। इसका लाभ संगठित एवं असंगठित क्षेत्र, निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र में कार्यरत सभी महिलाएं उठा सकती हैं। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य यह है कि महिलाओं की शिकायतें एक केंद्रीकृत प्रणाली के माध्यम से संबंधित प्राधिकरण तक पहुंचें और उनका समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने यह भी बताया कि यदि किसी महिला को कार्यस्थल पर मानसिक या शारीरिक उत्पीड़न, छेड़छाड़, यौन शोषण अथवा किसी भी प्रकार की प्रताड़ना का सामना करना पड़े, तो वह शी-बॉक्स पोर्टल के साथ-साथ 181 महिला हेल्पलाइन नंबर पर भी संपर्क कर सकती है। यह हेल्पलाइन तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध है।
जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में पुनः स्पष्ट किया कि शी-बॉक्स पोर्टल महिलाओं को यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने और न्याय प्राप्त करने का एक सशक्त, सरल और सुलभ माध्यम है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे इस पोर्टल के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाएं, ताकि प्रत्येक महिला अपने अधिकारों को समझ सके और आवश्यकता पड़ने पर उसका उपयोग कर सके।
कार्यक्रम के अंत में प्रशिक्षण के माध्यम से अधिकारियों को शी-बॉक्स पोर्टल के उपयोग, शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया और निवारण की व्यवस्था के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। जिला प्रशासन ने भरोसा दिलाया कि महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।






