गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 18 दिसंबर 2025, गुरुवार : ग्राम पंचायत राज पतसंडा के अंतर्गत आने वाला गिद्धौर बाजार क्षेत्र में व्यापार और आवागमन का प्रमुख केंद्र माना जाता है। यहां प्रतिदिन प्रखंड क्षेत्र की आठ पंचायतों के साथ-साथ आसपास के करीब 20 गांवों से बड़ी संख्या में लोग रोजमर्रा की खरीदारी, व्यापार और अन्य आवश्यक कार्यों के लिए पहुंचते हैं। बावजूद इसके, गिद्धौर बाजार में आज तक एक भी सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था नहीं होना प्रशासनिक उदासीनता को उजागर करता है।
सार्वजनिक शौचालय के अभाव में बाजार में आने वाले दुकानदारों, ग्राहकों और ग्रामीणों को गंभीर असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से महिलाओं की स्थिति अत्यंत दयनीय बनी हुई है। शौचालय न होने के कारण महिलाओं को मजबूरी में खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है, जिससे उन्हें सामाजिक लज्जा और असुरक्षा का सामना करना पड़ता है। कई बार महिलाएं सड़क किनारे या दीवारों की ओट में लघुशंका करने को विवश होती हैं, जो स्वच्छता और गरिमा दोनों के विपरीत है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत बीते लगभग दस वर्षों में पतसंडा पंचायत को कई बार ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) घोषित किया गया, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। बाजार जैसे भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थान पर शौचालय की अनुपलब्धता यह दर्शाती है कि घोषणाएं केवल कागजों तक ही सीमित रह गई हैं।
दुकानदारों और ग्रामीणों का आरोप है कि इस गंभीर समस्या को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई। बाजार में शौचालय नहीं होने से न सिर्फ लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है, बल्कि गंदगी और अस्वच्छता भी बढ़ रही है, जिससे संक्रामक बीमारियों का खतरा बना रहता है।
स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और पंचायत प्रतिनिधियों से मांग की है कि गिद्धौर बाजार में शीघ्र सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया जाए, ताकि आमजन को राहत मिल सके और स्वच्छता अभियान के उद्देश्य को वास्तविक रूप में पूरा किया जा सके।






