जमुई/बिहार। जिले में लगातार बढ़ रही ठंड और शीतलहर के प्रभाव से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। ठंड के कारण आमजन के साथ-साथ बुजुर्ग, बच्चे और पशु भी खासे प्रभावित हो रहे हैं। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार राज्य में सामान्यतः दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह से लेकर जनवरी माह के तीसरे सप्ताह तक शीतलहर का प्रकोप देखने को मिलता है। जब न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है, तो उसे शीतलहर की स्थिति माना जाता है। ऐसी परिस्थिति में स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ जाते हैं।
मानव जीवन के साथ पशुओं पर भी ठंड का प्रभाव
शीतलहर का प्रभाव मानव जीवन के साथ-साथ पशुओं के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल रूप से पड़ता है। ठंड की चपेट में आने पर शरीर में अत्यधिक ठंडक महसूस होने लगती है, हाथ-पैर सुन्न पड़ जाते हैं, तेज कपकपी या ठिठुरन होने लगती है। कई मामलों में जी मिचलाना, उल्टी, अर्द्धबेहोशी या पूरी तरह बेहोश होने जैसी गंभीर स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत सावधानी बरतना और चिकित्सकीय सलाह लेना आवश्यक बताया गया है।
जिला प्रशासन ने शीतलहर से बचाव के लिए दी एडवाइजरी
इन्हीं संभावित खतरों को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा शीतलहर से बचाव को लेकर विस्तृत एडवाइजरी जारी की गई है। प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से बचें और यथासंभव घर के अंदर ही सुरक्षित रहें। विशेष रूप से बच्चों और वृद्धजनों को ठंड से बचाने पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। यदि किसी कारणवश बाहर निकलना आवश्यक हो, तो ऊनी और गर्म कपड़े पहनकर ही बाहर जाएं तथा सिर, चेहरा, हाथ और पैरों को अच्छी तरह ढककर रखें।
पौष्टिक भोजन के साथ मौसम पूर्वानुमान पर रखें नजर
प्रशासन ने यह भी सलाह दी है कि मौसम की ताजा जानकारी के लिए समाचार पत्र, रेडियो और टेलीविजन के माध्यम से जारी मौसम पूर्वानुमान पर लगातार नजर बनाए रखें। शरीर में उष्मा बनाए रखने के लिए पौष्टिक भोजन के साथ-साथ गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। बंद कमरों में लालटेन, दीया या कोयले की अंगीठी का प्रयोग करते समय धुएं के निकास की समुचित व्यवस्था अवश्य करें और उपयोग के बाद उन्हें पूरी तरह बुझा दें, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।
अलाव और रैन-बसेरों की व्यवस्था
राज्य सरकार द्वारा शीतलहर के दौरान रात्रि समय में सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है, जिससे जरूरतमंद लोग लाभ उठा सकते हैं। शहरी क्षेत्रों में बेघर एवं असहाय लोगों के लिए रैन-बसेरों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जहां कंबल और बिस्तर की समुचित व्यवस्था रहती है।
बीपी,शुगर, हर्ट पेशेंट बरतें विशेष सावधानी
उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। ऐसे मरीज चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही घर से बाहर निकलें और संभव हो तो धूप निकलने के बाद ही बाहर जाएं। किसी भी विशेष या आपात परिस्थिति में नजदीकी सरकारी अस्पताल से तुरंत संपर्क कर चिकित्सा परामर्श लें।
पशुपालकों को भी पशुओं को ठंड से बचाने के लिए उनके बथानों को गर्म रखने की उचित व्यवस्था करने की सलाह दी गई है। यदि पशुओं में ठंड से संबंधित लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत नजदीकी पशु अस्पताल या पशु चिकित्सा कर्मियों से संपर्क करें।
आपात स्थिति में एंबुलेंस सेवा प्राप्त करने के लिए डायल 102 या 108 पर संपर्क किया जा सकता है। जिला प्रशासन ने सभी नागरिकों से शीतलहर के दौरान सतर्क रहने और जारी निर्देशों का पालन करने की अपील की है।





