गिद्धौर/जमुई। बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय योजना पार्ट-2 के अंतर्गत पशुपालकों के हित में लगातार विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला पशुपालन पदाधिकारी के निर्देश पर गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत रतनपुर पंचायत में बुधवार को पशु बांझपन निवारण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य पशुओं में बढ़ती बांझपन की समस्या को दूर करना तथा पशुपालकों को वैज्ञानिक पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना था।
शिविर में गिद्धौर प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डॉ. लखन कुमार शर्मा, जमुई प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार, जमुई के कुरकुट पदाधिकारी डॉ. रामानुज सिंह, प्रखंड पशु चिकित्सक डॉ. नीरज कुमार एवं पाराभेट कुंदन कुमार की उपस्थिति रही। सभी अधिकारियों एवं चिकित्सकों ने शिविर में पहुंचकर पशुओं की जांच की तथा पशुपालकों को आवश्यक परामर्श दिया।
इस दौरान शिविर में लाए गए पशुओं का प्राथमिक उपचार किया गया एवं बांझपन की समस्या से ग्रसित पशुओं का विशेष परीक्षण कर उपचार किया गया। चिकित्सकों ने पशुपालकों को पशुओं के संतुलित आहार, समय-समय पर टीकाकरण, साफ-सफाई तथा वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन करने की जानकारी भी दी, जिससे भविष्य में पशुओं की उत्पादकता बढ़ाई जा सके।
शिविर में बड़ी संख्या में क्षेत्र के पशुपालकों ने भाग लिया और अपने पशुओं का निःशुल्क उपचार कराकर लाभ उठाया। पशुपालकों ने बताया कि इस तरह के शिविर उनके लिए काफी उपयोगी साबित हो रहे हैं, क्योंकि इससे उन्हें अपने गांव में ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध हो जाती हैं और पशुओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का त्वरित समाधान हो पाता है।
अंत में अधिकारियों ने कहा कि आत्मनिर्भर बिहार अभियान के तहत आगे भी ऐसे शिविरों का आयोजन किया जाएगा, ताकि पशुपालकों की आय में वृद्धि हो सके और राज्य को पशुपालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जा सके।






