गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 19 दिसंबर 2025, शुक्रवार : अचानक बढ़ी कड़ाके की सर्दी ने जहां आम जनजीवन को प्रभावित कर दिया है, वहीं इसका असर शुक्रवार को सरकारी कार्यालयों के कामकाज पर भी साफ तौर पर देखने को मिला। गिद्धौर प्रखंड सह अंचल कार्यालय में शुक्रवार की सुबह ठंड का असर ऐसा रहा कि घड़ी की सुई जब 11 बजने का संकेत दे रही थी, तब भी कार्यालय परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ नजर आया। प्रखंड कार्यालय के अधिकतर कक्षों में कुर्सियां खाली पड़ी थीं और मानो अपने साहब का इंतजार कर रही हों।
कार्यालय परिसर में इक्का-दुक्का कर्मियों की मौजूदगी जरूर दिखी, लेकिन अधिकांश विभागों में ताले जैसे हालात बने रहे। आरटीपीएस काउंटर की दो खिड़कियां खुली थीं, जिनमें से एक काउंटर पर महिला कर्मी दस्तावेजों के निष्पादन में जुटी हुई नजर आईं। तकनीकी कक्ष खुला था, जहां सीमित गतिविधि दिखाई दी। वहीं प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी की सरकारी गाड़ी कार्यालय परिसर में खड़ी दिखी, जिससे यह आभास तो हुआ कि अधिकारी किसी समय कार्यालय आए थे या आने वाले थे।
अंचल कार्यालय में डेटा ऑपरेटर अपने-अपने स्थान पर बैठकर ठंड से बचाव करते हुए काम करने की कोशिश कर रहे थे। दूसरी ओर पीओ मनरेगा, स्वच्छता कार्यालय, राजस्व नाजिर कक्ष, पीडीएस कार्यालय, बीडीओ कक्ष सहित कई महत्वपूर्ण विभागों में साहबों की गैरहाजिरी साफ तौर पर खल रही थी। काम से आए ग्रामीण और आम नागरिक खाली कमरों को देखकर निराश नजर आए।
हालांकि सुबह करीब 11:30 बजे के बाद प्रखंड सह अंचल कार्यालय में धीरे-धीरे चहल-पहल बढ़नी शुरू हुई। कुछ कर्मचारी और अधिकारी कार्यालय पहुंचने लगे, जिससे लोगों को उम्मीद जगी कि अब उनके काम हो सकेंगे। लेकिन तब तक कई फरियादी घंटों इंतजार कर मायूस होकर लौट चुके थे।
प्रखंड कार्यालय आए कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गिद्धौर प्रखंड मुख्यालय में कर्मचारियों का देर से आना अब आम बात हो चुकी है। उनका कहना था कि यह स्थिति किसी एक दिन की नहीं, बल्कि लंबे समय से चली आ रही है। ठंड के मौसम में जब लोग दूर-दराज गांवों से अपने जरूरी कामों को लेकर आते हैं और कार्यालयों में ताले या खाली कुर्सियां देखते हैं, तो उन्हें काफी निराशा होती है।
लोगों का यह भी कहना है कि अधिकारियों को इस स्थिति की जानकारी होने के बावजूद इसमें कोई ठोस सुधार नहीं हो रहा है। ठंड का हवाला देकर यदि सरकारी कामकाज प्रभावित होता रहा, तो आम जनता की परेशानी और बढ़ेगी। ऐसे में स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से समय पर कार्यालय संचालन और कर्मचारियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित कराने की मांग की है, ताकि जनता को बेवजह परेशान न होना पड़े।







