गंगरा/गिद्धौर। बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड, पटना के निर्देशानुसार गुरुवार को बाबा कोकिलचंद विचार मंच ट्रस्ट एवं बाबा कोकिलचंद धाम मंदिर न्यास, गंगरा, जमुई के संयुक्त तत्वावधान में बाबा कोकिलचंद धाम मंदिर परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती प्रखरता दिवस के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई गई।
इस अवसर पर गंगरा गांव के लगभग 300 परिवारों के श्रद्धालुओं एवं बाबा कोकिलचंद विचार मंच के सदस्यों ने एक साथ 108 बार सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ एवं बाबा कोकिलचंद चालीसा पाठ किया। पूरे दिन भक्ति, श्रद्धा और धर्म जागरण का माहौल बना रहा। यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक लगातार चला, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सहभागिता रही।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ शंकर नाथ झा रहे। वहीं विशिष्ट अतिथियों के रूप में रिंकी कुमारी, सुमन कुमार, रविश कुमार, लखन लाल पाण्डेय तथा समाजसेवी गौरव सिंह राठौर उपस्थित थे। सभी अतिथियों और श्रद्धालुओं का अंग वस्त्र, पुष्प माला, बाबा कोकिलचंद स्मृति चिन्ह एवं बाबा कोकिलचंद चालीसा भेंट कर स्वागत एवं सम्मान किया गया।
धार्मिक अनुष्ठान में आचार्य के रूप में रंजीत पाण्डेय (बुल्लू), श्यामकिशोर पाण्डेय, विजय पाण्डेय, अंकित पाण्डेय, मोहन पाण्डेय, राज नंदन पाण्डेय, उमाकांत पाण्डेय, रौशन पाण्डेय और सतेंद्र पाण्डेय ने विधिवत पूजा-अर्चना कर धर्म जागरण सभा को संपन्न कराया।
मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों ने सभा को संबोधित करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी के राष्ट्र निर्माण में योगदान को स्मरण किया और उनके आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान किया। मंच संचालन संयोजक एवं बाबा कोकिलचंद मंदिर के सचिव, शिक्षक चुन चुन कुमार ने किया।
कार्यक्रम के दौरान सर्वसम्मति से वर्ष 2026 तक बाबा कोकिलचंद मंदिर निर्माण कार्य पूर्ण करने का संकल्प लिया गया। साथ ही आगामी पूर्णिमा से नियमित सामूहिक हवन शुरू करने का निर्णय भी लिया गया। बाबा कोकिलचंद मंदिर निर्माण तथा बाबा कोकिलचंद साहित्य के प्रकाशन हेतु श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की गई।
कार्यक्रम को सफल बनाने में ट्रस्ट के कार्यकारिणी सदस्य चुन चुन कुमार, उमा शंकर सिंह, सुबोध सिंह, विजय पाण्डेय, उपाध्यक्ष गोपाल सिंह, पिंटू कुमार, राजेंद्र सिंह, उमाकांत पाण्डेय, निखिल राज, मंगल सिंह गौतम, शंकर कुमार सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों का सराहनीय योगदान रहा।







