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रविवार, 9 नवंबर 2025

झाझा विधानसभा में दामोदर रावत के समर्थन में उतरीं बेटियां, गांव-गांव कर रहीं जनसंपर्क

  • महिलाओं में दिखा एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में उत्साह
  • विकास कार्यों का मिल रहा लाभ
झाझा/जमुई (Jhajha/Jamui), 9 नवंबर 2025, रविवार : बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में झाझा विधानसभा सीट पर एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी एवं वर्तमान विधायक दामोदर रावत (MLA Damodar Rawat) के पक्ष में अब उनके परिवार ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। चुनाव प्रचार को और अधिक गति देने के लिए विधायक रावत की तीनों बेटियां नीलम, सपना और नंदिनी मैदान में उतर चुकी हैं। ये तीनों बहनें झाझा विधानसभा क्षेत्र के गांव-गांव, टोला-मुहल्लों में घर-घर जाकर लोगों से मिल रही हैं और अपने पिता के लिए जदयू (JDU) के चुनाव चिन्ह ‘तीर’ पर बटन दबाने की अपील कर रही हैं।

बेटियों के इस जनसंपर्क अभियान को लोगों से काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। महिलाओं और युवतियों में इनका खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। वे दामोदर रावत और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए एनडीए को समर्थन देने का आश्वासन दे रही हैं।

जनसंपर्क के दौरान ग्रामीण महिलाएं बता रही हैं कि नीतीश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से उन्हें सीधा लाभ मिला है। चाहे महिलाओं के लिए 10 हजार रुपये का स्वरोजगार अनुदान हो, वृद्ध, विधवा एवं दिव्यांग पेंशन योजना के तहत हर माह 1100 रुपये की सहायता हो या 125 यूनिट मुफ्त बिजली, सड़क निर्माण, शिक्षा व्यवस्था और जलापूर्ति योजनाएं, सभी ने लोगों के जीवन स्तर में सुधार किया है। इन विकास कार्यों की बदौलत एनडीए (NDA) प्रत्याशी के पक्ष में हवा बनती दिख रही है। गौरतलब है कि झाझा विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को मतदान होगा, जबकि परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
दामोदर रावत का राजनीतिक सफर लंबा और प्रभावशाली रहा है। उन्होंने वर्ष 2000 में समता पार्टी से पहली बार झाझा सीट जीती थी। इसके बाद 2005 के फरवरी और अक्टूबर दोनों चुनावों में जदयू प्रत्याशी के रूप में लगातार जीत दर्ज की। 2010 में चौथी बार जनता ने उन पर भरोसा जताया। हालांकि 2015 में पराजय का सामना करना पड़ा, परंतु 2020 में उन्होंने शानदार वापसी करते हुए फिर से झाझा से जीत हासिल की।

अपने राजनीतिक करियर के दौरान दामोदर रावत ने समाज कल्याण, भवन निर्माण और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है। उनके कार्यकाल में झाझा एवं आसपास के इलाकों में सड़कों, पेयजल आपूर्ति, शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याणकारी योजनाओं से जुड़े कई उल्लेखनीय विकास कार्य हुए हैं।

अब एक बार फिर दामोदर रावत जनता के बीच विकास और सुशासन के मुद्दे के साथ मैदान में हैं और इस बार उनकी ताकत बनकर उनकी बेटियां भी गांव-गांव जनता से सीधा संवाद कर रही हैं।

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