बरहट/जमुई। पर्यावरण जागरूकता और प्रकृति संरक्षण का संदेश लेकर साइकिल यात्रा एक विचार, जमुई के सदस्यों की नियमित रविवारीय यात्रा इस बार बरहट प्रखंड के पतौना ग्राम पहुँची। यह यात्रा अपने 513वें चरण में रविवार को निकाली गई, जिसमें सदस्यों ने गांव के स्वास्थ्य उपकेंद्र परिसर एवं सरयू बाबू समाधि स्थल के आसपास दर्जनों पौधे लगाए और ग्रामीणों के बीच पौधों का वितरण किया।
संगठन के सदस्यों ने ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाते हुए यह संकल्प दिलाया कि हर व्यक्ति साल में कम से कम एक पौधा जरूर लगाएगा और उसकी देखभाल करेगा। इस अवसर पर संगठन के प्रमुख सदस्य प्रभात रंजन ने कहा कि भारतीय संस्कृति में पूजा और अनुष्ठान केवल धार्मिक कर्मकांड नहीं हैं, बल्कि उनमें प्रकृति के प्रति सम्मान और संरक्षण का भाव निहित होता है। उन्होंने कहा, “हमारी परंपराओं में पेड़, नदियाँ, पर्वत, पशु-पक्षी सभी को देवतुल्य माना गया है। यह हमें सिखाता है कि प्रकृति से जुड़ाव ही जीवन का आधार है।”
वहीं सदस्य कुंदन सिन्हा ने कहा कि आज पर्यावरणीय असंतुलन के कारण नदियाँ सूख रही हैं, पहाड़ कट रहे हैं और पशु-पक्षी विलुप्त हो रहे हैं। यह हमारी जीवन प्रणाली के लिए खतरे का संकेत है। उन्होंने कहा कि “प्रकृति की रक्षा केवल सरकार या किसी संस्था की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। हर नागरिक को अपने स्तर से पर्यावरण संरक्षण का प्रयास करना चाहिए।”
कार्यक्रम में मौजूद हर्ष कुमार सिन्हा ने कहा कि “साइकिल यात्रा एक विचार” का उद्देश्य लोगों को साइकिल चलाने के माध्यम से स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के प्रति जागरूक करना है। यह संस्था वर्षों से बिना किसी राजनीतिक या आर्थिक स्वार्थ के समाज में हरियाली और स्वच्छता का संदेश दे रही है।
इस अवसर पर उपस्थित सदस्यों गोलू कुमार, सागर कुमार, शुभम सिंह, पंकज कुमार, विवेक कुमार, कौशल यादव, रवि प्रकाश, राहुल कुमार सहित कई ग्रामीणों ने भी पौधारोपण कार्यक्रम में भाग लिया और इसे सफल बनाया।
गांव के बुजुर्गों ने संस्था के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की पहल से नई पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जा सकता है। ग्रामीणों ने भी भविष्य में इस अभियान को गांव के अन्य इलाकों तक विस्तारित करने का आश्वासन दिया।
‘साइकिल यात्रा एक विचार’ के सदस्यों ने बताया कि यह यात्रा अब तक जिले के लगभग सभी प्रखंडों में पहुंच चुकी है और हर रविवार नए गांवों में पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, जल बचाओ, और स्वास्थ्य संवर्धन का संदेश दे रही है। संगठन ने यह भी घोषणा की कि आने वाले हफ्तों में जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों तक इस अभियान को ले जाया जाएगा।





