गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 7 अक्टूबर 2025, मंगलवार : बीते सोमवार की देर रात गिद्धौर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हो जाने से अफरातफरी मच गई। मृतक की पहचान मौरा महादलित टोला निवासी अनिल मांझी उर्फ छोटू मांझी (40 वर्ष) के रूप में की गई है। परिजनों ने सीएचसी में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण अनिल की जान चली गई।
मृतक के परिजनों ने बताया कि सोमवार की रात अनिल को अचानक तेज बुखार और पेट दर्द की शिकायत हुई। परिजन तुरंत उसे गिद्धौर सीएचसी लेकर पहुंचे, जहां ड्यूटी पर मौजूद जीएनएम रितिका कुमारी और रंजू कुमारी ने स्लाइन चढ़ाने के बाद कहा कि मरीज की स्थिति सामान्य है और जल्द ही वह ठीक हो जाएगा। परिजनों के अनुसार, स्वास्थ्यकर्मी इसके बाद ड्यूटी रूम का दरवाजा बंद कर सोने चले गए।
कुछ ही देर में अनिल की तबियत अचानक बिगड़ने लगी। वह दर्द से कराहते हुए चीखने-चिल्लाने लगा। परिजनों ने अस्पताल में मौजूद कर्मियों को जगाने की कोशिश की, दरवाजा पीटते रहे, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला। इलाज के अभाव में अनिल की वहीं तड़प-तड़प कर मौत हो गई।
घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल परिसर में मृतक के परिजन और ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि गिद्धौर सीएचसी में चिकित्सकों और नर्सों की लापरवाही कोई नई बात नहीं है। आए दिन यहां इलाज में ढिलाई के कारण मरीजों को जान गंवानी पड़ती है, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती। परिजनों ने जिला प्रशासन से दोषी स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
इधर, हंगामे की सूचना मिलते ही अस्पताल प्रबंधन सक्रिय हो गया और आनन-फानन में मृतक के शव को एंबुलेंस से उसके घर मौरा महादलित टोला भिजवा दिया गया। घटना के बाद मृतक की पत्नी सावित्री देवी का रो-रो कर बुरा हाल है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि गिद्धौर सीएचसी में लंबे समय से स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बदहाल है। चिकित्सक और कर्मी अक्सर ड्यूटी से नदारद रहते हैं, जिससे आम मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने दी सफाई
इस संबंध में गिद्धौर सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. नरोत्तम कुमार सिंह ने बताया कि मृतक अनिल मांझी की हालत पहले से ही गंभीर थी। उसे प्राथमिक उपचार दिया गया था और बेहतर इलाज के लिए जमुई रेफर करने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन इससे पहले ही उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि परिजनों द्वारा लगाया गया लापरवाही का आरोप निराधार है।
फिलहाल घटना को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की जा रही है।