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शुक्रवार, 26 सितंबर 2025

अधार्मिक कृत्यों पर नकेल कसने की तैयारी, गिद्धौर दुर्गा मंदिर में तिलक लगाने वालों का आधार कार्ड अनिवार्य

गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 26 सितंबर 2025, शुक्रवार : चंदेल राजवंश द्वारा स्थापित ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर में नवरात्र और शरद पूर्णिमा के अवसर पर होने वाली शारदीय दुर्गा पूजा एवं महालक्ष्मी पूजा को लेकर मंदिर प्रबंधन व शारदीय दुर्गा पूजा सह लक्ष्मी पूजा समिति ने इस वर्ष कड़े नियमों और सुरक्षा प्रबंधों की घोषणा की है। समिति ने मंदिर परिसर तथा आसपास श्रद्धालुओं से जुड़ी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने का निर्णय लिया है।

टीका लगाने वाले को देना होगा आधार कार्ड
समिति की ओर से जारी किए गए निर्देशों में विशेष रूप से कहा गया है कि मंदिर के आस-पास टीका/तिलक लगाने का कार्य करने वाले को अपनी आधार कार्ड की छायाप्रति अनिवार्य रूप से जमा करनी होगी। यह सूचना माइक के माध्यम से भी सार्वजनिक रूप से कर दी गई है ताकि किसी प्रकार की अनिश्चितता न रहे। समिति ने बताया है कि कार्यकारिणी के सदस्यों द्वारा समय-समय पर चेकिंग की जाएगी और नियमों के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

व्यवस्थाओं को सुदृढ़ कर बढ़ाई गई मुस्तैदी
समिति का कहना है कि यह कदम किसी भी प्रकार की अधार्मिक कृतियों को रोकने के साथ-साथ श्रद्धालुओं और आयोजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। मंदिर प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष अत्यधिक मुस्तैदी रखी जा रही है और सभी व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ किया गया है ताकि शांति-व्यवस्था बनी रहे और आयोजन शुभ रूप से संपन्न हो सके।
अनावश्यक भीड़ से बचने की अपील
पूजा-सम्पदा और आयोजन का कार्यक्रम भी समिति ने साझा किया है। सप्तमी की मध्यरात्रि को निशा पूजा का आयोजन होगा, जबकि महाष्टमी, नवमी और विजयादशमी के दिनों में विशेष पूजा और दर्शन रहेंगे। इसके अतिरिक्त शरद पूर्णिमा के अवसर पर माता महालक्ष्मी की विशेष पूजा की जाएगी। समिति ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अनावश्यक भीड़ से बचें, समिति द्वारा निर्धारित व्यवस्था का पालन करें तथा श्रद्धा के साथ परंपरागत रीति-रिवाजों का सम्मान करें।

ग्रामीणों ने बताया इसे उचित कदम
स्थानीय ग्रामीण और मंदिर से जुड़े लोग इस बाबत सकारात्मक हैं और कहते हैं कि मंदिर की ऐतिहासिकता तथा धार्मिक गरिमा की रक्षा के लिए यह कदम समयोचित है। मंदिर प्रबंधन ने अपेक्षा जताई है कि व्यवस्था-पालन से पूजा आयोजन शांति एवं समर्पण के साथ संपन्न होगा और आसपास के लोग भी सहयोग करेंगे।

अधिकारियों ने अंततः यह भी कहा कि आवश्यकतानुसार अतिरिक्त सुरक्षा एवं व्यवस्थाओं की घोषणा की जा सकती है और श्रद्धालुओं को तात्कालिक सूचनाओं के लिए माइक तथा समिति के संदेशों पर ध्यान देने का आग्रह किया गया है।

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