गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 26 सितंबर 2025, शुक्रवार : बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के तत्वावधान में शुक्रवार को गिद्धौर स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) जमुई के सभागार में बाल सुरक्षा विषय पर एकदिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विद्यालयों में बच्चों के लिए भयमुक्त एवं सुरक्षित माहौल का निर्माण करना था।
कार्यशाला का संचालन मुंबई स्थित आंगन ट्रस्ट की टीम ने किया। संस्था के विशेषज्ञ अमित कुमार और गौरी ने बाल सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने जमुई जिले के लगभग 100 प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षित करते हुए विद्यालय परिसर को बच्चों के लिए अधिक सुरक्षित बनाने के तरीके बताए। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को बाल सुरक्षा से जुड़े कानूनों, निवारक उपायों और बच्चों के अधिकारों के बारे में व्यावहारिक जानकारी दी गई।
कार्यशाला का शुभारंभ डायट के प्राचार्य डॉ. नावेद हसन खान ने दीप प्रज्वलित कर किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चे अपना अधिकांश समय विद्यालय में बिताते हैं, ऐसे में विद्यालय का वातावरण भयमुक्त और सुरक्षित होना अनिवार्य है।
उन्होंने बाल सुरक्षा अधिनियम के महत्व पर भी विस्तार से चर्चा करते हुए प्रधानाध्यापकों को इसकी प्रमुख धाराओं से अवगत कराया।
इस अवसर पर संस्थान के सभी व्याख्याताओं ने भी अपने विचार साझा किए। व्याख्याता सचिन कुमार भारती, रश्मि कुमारी, डॉ. ललन प्रकाश साहनी, डॉ. सुधीर कुमार, अनीता मिश्रा, अंजू कुमारी, राजेश कुमार और पवन कुमार ने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यशाला में उपस्थित प्रधानाध्यापकों ने कहा कि इस तरह का प्रशिक्षण विद्यालयों में एक सकारात्मक एवं सुरक्षित वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। बाल सुरक्षा को लेकर मिली सीख को वे अपने-अपने विद्यालयों में लागू करने का प्रयास करेंगे, जिससे बच्चे न सिर्फ शिक्षा प्राप्त कर सकें बल्कि स्वयं को पूर्णतः सुरक्षित भी महसूस करें।





