जमुई/बिहार (Jamui/Bihar), 25 सितम्बर 2025, गुरुवार : भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) तथा बिहार सरकार के लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के संयुक्त आह्वान पर जमुई जिले के बरहट प्रखंड अंतर्गत बरियारपुर पंचायत स्थित प्राचीन धार्मिक स्थल पत्नेश्वर धाम परिसर में गुरुवार को भव्य श्रमदान व जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राष्ट्रव्यापी पहल ‘एक दिन, एक घंटा, एक साथ श्रमदान’ के तहत आयोजित इस कार्यक्रम ने स्थानीय समुदाय, प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों तथा धार्मिक संस्थाओं की अभूतपूर्व सहभागिता के साथ स्वच्छता को जन-आंदोलन का स्वरूप प्रदान किया।
प्रशासन और समाज की अनूठी भागीदारी
बरहट प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) के नेतृत्व में आयोजित इस महाअभियान में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (DRDA) के निदेशक राकेश कुमार सिंह ने व्यक्तिगत रूप से शामिल होकर स्वच्छता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का संदेश दिया। उनके साथ जिला सलाहकार (CB&IEC) राकेश कुमार, जिला सलाहकार (SLWM) संजय कुमार तथा अन्य कई जिला स्तरीय पदाधिकारी भी मौजूद रहे। प्रखंड स्तर पर अंचलाधिकारी सहित सभी विभागों के अधिकारी सक्रिय रूप से अभियान में जुटे रहे।
पंचायत व प्रखंड के स्वच्छता पर्यवेक्षकों तथा पूरी सफाई टीम ने संगठित तरीके से मंदिर परिसर और गंगा तट से सटे इलाकों में व्यापक सफाई कार्य किया। धार्मिक आस्था के केंद्र पत्नेश्वर धाम के पुजारी और मंदिर समिति के सदस्यों ने भी पूरे उत्साह के साथ झाड़ू उठाकर इस स्वच्छता पर्व को नई ऊर्जा दी।
बच्चों की भागीदारी और जन-जागरूकता
कार्यक्रम के दौरान स्थानीय सरकारी विद्यालय के बच्चों ने प्रभात फेरी और रैली निकालकर ‘स्वच्छता ही सेवा’ का संदेश पूरे क्षेत्र में फैलाया। हैंडवॉश डेमोंस्ट्रेशन के जरिये बच्चों और ग्रामीणों को हाथ धोने के सही तरीके समझाए गए, ताकि व्यक्तिगत स्वच्छता का संदेश घर-घर तक पहुंचे।
सामूहिक शपथ और संकल्प
अंत में उपस्थित अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों और विद्यार्थियों ने स्वच्छता शपथ ली कि वे न केवल स्वयं स्वच्छता का पालन करेंगे, बल्कि अपने आसपास के हर व्यक्ति को भी प्रेरित करेंगे।
यह आयोजन इस बात का प्रमाण बना कि जब सरकारी तंत्र, धार्मिक संस्थान और स्थानीय नागरिक एक साथ आते हैं तो स्वच्छता महज एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक सशक्त जन-आंदोलन का रूप ले लेती है। पत्नेश्वर धाम परिसर से गूंजा ‘स्वच्छता ही सेवा’ का शंखनाद अब पूरे प्रखंड में प्रेरणा का स्रोत बन गया है।





