विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने पर जोर
गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 23 सितंबर 2025, मंगलवार : प्रखंड संसाधन केंद्र परिसर में तीन दिवसीय गैर-आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया, जिसमें प्रखंड के दर्जनों शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया। यह विशेष प्रशिक्षण समावेशी शिक्षा की अवधारणा पर आधारित था, जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यालयों में सभी बच्चों, विशेषकर विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को समान अवसर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है।
प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को समावेशी शिक्षा के मूल सिद्धांतों, परिभाषा और इसके व्यापक महत्व से अवगत कराया गया। सत्रों में बताया गया कि समावेशी शिक्षा केवल शिक्षा का तरीका नहीं, बल्कि सामाजिक समानता और बच्चों के सर्वांगीण विकास का मजबूत आधार है। इस क्रम में प्रशिक्षकों ने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को कक्षा में सहजता से शामिल करने की रणनीतियां, तकनीकें और संसाधनों की जानकारी दी।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) निलेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि समावेशी शिक्षा का उद्देश्य केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी बच्चों को समान अवसर देने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने शिक्षकों को बच्चों की विविध क्षमताओं को पहचानते हुए उन्हें अनुकूल शिक्षण वातावरण प्रदान करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के दौरान विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए उपलब्ध सहायक संसाधनों, शिक्षण पद्धतियों और सहयोगी तकनीकों की जानकारी विस्तार से दी गई। प्रशिक्षकों ने उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि किस प्रकार शिक्षकों की संवेदनशीलता और सकारात्मक दृष्टिकोण से विशेष बच्चों के आत्मविश्वास में वृद्धि की जा सकती है।
तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण में प्रखंड के कई शिक्षक-शिक्षिकाएं जैसे वरीय शिक्षक दिलीप मंडल, वशिष्ठ नारायण, दिनेश रजक, सुशील रजक, बिनोद सक्सेना, रिंकू कुमारी, मुस्तरी बेगम, राजीव वर्णवाल और विनीता कुमारी सक्रिय रूप से शामिल हुए। सभी प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने-अपने विद्यालयों में समावेशी शिक्षा की अवधारणा को सफलतापूर्वक लागू करेंगे, ताकि हर बच्चा बिना भेदभाव के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सके।





