सेवा/गिद्धौर (Sewa/Gidhaur), 20 सितंबर 2025, शनिवार : गिद्धौर प्रखंड के सेवा गाँव में शुक्रवार को बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाने हेतु एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम गैर सरकारी संगठन ग्राम नेहरू युवा ट्रस्ट द्वारा जस्ट राइट फॉर चिल्ड्रेन के सहयोग से आयोजित वैश्विक अंतरधार्मिक शपथ सप्ताह के समापन अवसर पर संपन्न हुआ।
समारोह के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित वेबिनार में जिले की किशोरियों और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई। कार्यक्रम की शुरुआत बाल विवाह से जुड़ी जागरूकता फिल्म की प्रस्तुति से हुई, जिसमें समाज के विभिन्न हिस्सों से आए हितधारकों द्वारा इस दिशा में किए गए सफल प्रयासों और वास्तविक जीवन की प्रेरक कहानियों को साझा किया गया।
इस अवसर पर संस्था के सचिव सुनील मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा—
बाल विवाह न केवल कानूनन अपराध है बल्कि यह एक गहरी सामाजिक कुरीति भी है। समाज के हर वर्ग को मिलकर इसके खिलाफ आवाज बुलंद करनी होगी।
संस्था के काउंसलर राकेश रंजन वर्मा ने बाल विवाह से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य दुष्परिणामों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि कम उम्र में विवाह करने से लड़कियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर आजीवन नकारात्मक असर पड़ता है।
वहीं संस्था के समन्वयक कौशल पाण्डेय ने चेतावनी दी कि कानून के तहत बाल विवाह में शामिल किसी भी व्यक्ति को दो वर्ष तक का कारावास और एक लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। ऐसे मामलों में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान बाल विवाह की पीड़िताओं से भी संवाद किया गया। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए शिक्षा में रुकावट, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, घरेलू प्रबंधन में कठिनाई और जीवन भर की मानसिक पीड़ा जैसी चुनौतियों को सामने रखा। उनकी आपबीती ने उपस्थित लोगों को गहराई से झकझोर दिया।
अंत में उपस्थित सभी किशोरियों और महिलाओं ने सामूहिक रूप से बाल विवाह का विरोध करने और कभी भी कम उम्र में विवाह न करने की शपथ ली। साथ ही समाज में इस बुराई को खत्म करने के लिए दूसरों को भी जागरूक करने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर आंगनवाड़ी सेविका माला देवी, संस्था के रंजीत पाण्डेय, नागमणि साव समेत सेवा गाँव और आसपास के क्षेत्रों की दर्जनों किशोरियाँ और महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का मुख्य संदेश यही रहा कि बाल विवाह उन्मूलन के लिए सामूहिक जागरूकता और ठोस कदम समय की मांग है।