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मंगलवार, 26 अगस्त 2025

गिद्धौर में पार्किंग व ऑटो स्टैंड का अभाव, NH-333 पर रोजाना जाम, राहगीरों की बढ़ी परेशानी

गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 26 अगस्त 2025, मंगलवार : गिद्धौर बाजार और उससे सटे NH-333 पर पार्किंग तथा ऑटो स्टैंड की सुव्यवस्थित व्यवस्था नहीं होने से रोजाना जाम लग रहा है। सड़क किनारे अनधिकृत रूप से ऑटो, टोटो, ठेला और बाइक खड़े कर दिए जाने के कारण आवागमन बाधित होता है। दुकानदारों द्वारा दुकान के बाहर सामान, चौकी व बेंच रखकर किए गए अतिक्रमण से स्थिति और बिगड़ जाती है।

NH-333 पर वाहनों का भारी दबाव
एनएच-333 बिहार को झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क है। इस मार्ग से रोजाना बड़ी संख्या में छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं। स्थानीय स्तर पर सड़क के दोनों ओर अनियोजित पार्किंग के चलते सड़क की प्रभावी चौड़ाई घट गई है, जिससे पीक आवर्स में वाहन रेंग-रेंग कर चलने को मजबूर हैं।

ऑटो स्टैंड न होने से सड़क किनारे ‘मिनी-स्टैंड’
गिद्धौर में अधिकृत ऑटो स्टैंड की अनुपस्थिति से चालक सड़क किनारे ही वाहनों की कतार लगा देते हैं। बाजार क्षेत्र में यात्रियों को बिठाने-उतारने के दौरान ऑटो और टोटो कई मिनट तक खड़े रहते हैं, जिससे पीछे वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल-ऑफिस समय में स्थिति सबसे अधिक खराब रहती है।
दुकानों के आगे अतिक्रमण से और संकरी हुई सड़क
बाजार में कई दुकानों के सामने फुटपाथ व सड़क के हिस्से पर सामान, चौकी और बेंच रख दिए जाते हैं। इससे पैदल चलने वालों को सड़क के बीच से गुजरना पड़ता है और वाहन चालकों को बार-बार ब्रेक लगानी पड़ती है। राहगीरों के अनुसार, बरसात के दिनों में जलजमाव के साथ यह समस्या और विकराल हो जाती है।

आमजन की मांग: चिह्नित पार्किंग, अधिकृत ऑटो स्टैंड और सख्त प्रवर्तन
स्थानीय निवासियों व दुकानदारों के बीच आम राय है कि—
  • बाजार क्षेत्र में चिह्नित पार्किंग जोन तय किए जाएं और नो-पार्किंग क्षेत्र स्पष्ट रूप से मार्क किए जाएं।
  • अधिकृत ऑटो/टोटो स्टैंड बनाकर वहां से संचालन कराया जाए, ताकि सड़क किनारे ‘मिनी-स्टैंड’ न बनें।
  • अतिक्रमण हटाने की नियमित कार्रवाई हो तथा पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित गलियारा (फुटपाथ) सुनिश्चित किया जाए।
  • प्रशासन द्वारा ऑन-ग्राउंड प्रवर्तन और जुर्माना कार्रवाई को कड़ाई से लागू किया जाए।
प्रशासन से स्थायी समाधान की अपेक्षा
स्थानीय लोगों का कहना है कि समस्या नई नहीं है, लेकिन हाल के महीनों में यातायात दबाव बढ़ने के साथ यह अधिक गंभीर रूप ले चुकी है। वे एनएचएआई, ट्रैफिक पुलिस और नगर निकाय से समन्वित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि बाजार क्षेत्र में सुचारु यातायात, पैदल चलने वालों की सुरक्षा और व्यवसायिक गतिविधियों का संतुलन कायम हो सके।

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