जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के बीच किसानों की एकजुटता ने रची मिसाल
गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 6 अगस्त 2025, बुधवार : प्रखंड के सेवा पंचायत अंतर्गत गेहुआ आहर का बांध टूटने से इलाके के किसानों में हड़कंप मच गया। टूटे बांध से हजारों एकड़ में लगी धान की फसल डूबने की कगार पर थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए किसानों ने प्रशासन या जनप्रतिनिधियों की प्रतीक्षा किए बिना स्वयं आगे बढ़कर श्रमदान किया और समय रहते बांध की मरम्मत कर डाली।
किसानों के अनुसार अगर तुरंत कदम नहीं उठाया जाता, तो फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाती। उन्होंने बताया कि इस आपदा की घड़ी में क्षेत्रीय विधायक और सांसद की ओर से कोई मदद नहीं मिली। किसानों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर जनप्रतिनिधियों द्वारा समय रहते ध्यान दिया जाता तो शायद यह स्थिति नहीं आती।
बावजूद इसके, किसानों ने हिम्मत नहीं हारी और सामूहिक प्रयास से बांध की मरम्मत कर पानी को नियंत्रित किया। इस पहल से न केवल उनकी फसल को बचाया गया, बल्कि आसपास के सैकड़ों किसानों की मेहनत और आजीविका को भी सुरक्षित किया गया।
ग्रामवासियों की यह एकजुटता और आत्मनिर्भरता ग्रामीण भारत की सशक्त तस्वीर प्रस्तुत करती है। संकट की इस घड़ी में किसानों का यह श्रमदान न केवल मिसाल बना, बल्कि 'आपदा में अवसर' की भावना को भी साकार कर गया।