जमुई/बिहार (Jamui/Bihar), 7 अगस्त 2025, गुरुवार : राज्य में लागू शराबबंदी कानून की हकीकत एक बार फिर उस वक्त उजागर हो गई, जब गुरुवार को समाहरणालय स्थित एसपी कार्यालय में आयोजित जनता दरबार में विठ्ठलपुर निवासी 35 वर्षीय गुड़िया देवी अपने दर्द की दास्तान लेकर पहुंचीं। पीड़िता ने जिले में शराब की आसान उपलब्धता और उसके चलते होने वाली घरेलू हिंसा की गंभीर शिकायत दर्ज कराई।
गुड़िया देवी ने पुलिस अधीक्षक को बताया कि बिहार में शराबबंदी केवल कागजों तक सीमित रह गई है। जिले के हर गली, चौक और चौराहे पर धड़ल्ले से शराब बेची जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति राजकुमार सिन्हा शराब के आदी हो गए हैं और नशे में अक्सर उनके साथ मारपीट करते हैं। महिला ने रोते हुए कहा कि हाल ही में उनके पति ने शराब के नशे में उनकी बेरहमी से पिटाई की, नाखूनों से उनके हाथों को नोच डाला और बाल भी उखाड़ दिए।
किसी तरह जान बचाकर एसपी कार्यालय पहुंची गुड़िया देवी ने अधिकारियों से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई। उन्होंने कहा, "जिले में ऐसा कोई कोना नहीं बचा है जहां शराब आसानी से न मिलती हो। इस शराब ने न जाने कितने घर बर्बाद कर दिए हैं। मेरी जान बचा लीजिए साहब!"
गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 1 अप्रैल 2016 से राज्य में शराब की बिक्री और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। हालांकि, ज़मीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग नज़र आ रही है। जिले में शराब माफिया खुलेआम शराब की तस्करी और बिक्री में लगे हुए हैं। पुलिस द्वारा छापेमारी की कार्रवाई भी की जाती है, परंतु शराब कारोबारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्हें कानून का कोई भय नहीं रहा।
इस घटना ने एक बार फिर राज्य में शराबबंदी कानून की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस द्वारा आगे क्या कार्रवाई की जाएगी, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।