गिद्धौर/जमुई। गिद्धौर प्रखंड के पतसंडा पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या 10 के निवासी इन दिनों बुनियादी सुविधाओं के अभाव में नारकीय जीवन जीने को विवश हैं। इलाके में सड़क और नाली का घोर अभाव है, जिससे वर्षा के मौसम में समस्याएं और भी गंभीर हो गई हैं। दशकों पुरानी सड़क अब पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है, वहीं जल निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं होने से घरों का गंदा पानी सीधे सड़कों पर बहता है। बरसात के दिनों में स्थिति और भयावह हो जाती है।
गंदे पानी के जमाव से सड़कों पर कीचड़ और फिसलन की समस्या उत्पन्न हो गई है, जिससे राहगीरों का चलना दूभर हो गया है। सड़क पर मिट्टी के ढेर और गड्ढों में भरे पानी के कारण छोटी-छोटी दुर्घटनाएं भी आम हो गई हैं। कम ऊंचाई वाले मकानों में पानी घुसने से लोगों को अपने घरों में भी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। सावन के इस पावन महीने में श्रद्धालुओं को भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यही मार्ग कई मंदिरों तक जाता है, लेकिन कीचड़ और गंदे पानी से होकर उन्हें पूजा-अर्चना के लिए जाना मजबूरी बन गया है।
इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता सुशांत साईं सुंदरम ने बताया कि वार्ड संख्या 10 के निवासी प्रतिदिन इसी रास्ते से अपने दैनिक कार्यों के लिए निकलते हैं। महिलाएं मंदिर जाती हैं, बच्चे स्कूल और कोचिंग के लिए इसी मार्ग से गुजरते हैं। लेकिन सड़क की बदहाल स्थिति और जलजमाव के कारण सभी को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
स्थानीय निवासी सुजीत रावत, अवधेश रावत, श्याम बरनवाल, राजीव कुमार, मनोज यादव, राजकुमार स्वर्णकार, सुधीर यादव, दशरथ यादव सहित अन्य लोगों में इस बात को लेकर भारी नाराजगी है कि कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को अवगत कराने के बावजूद समस्या का अब तक कोई समाधान नहीं निकाला गया।
लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही नाली और सड़क की व्यवस्था नहीं की गई, तो वे आंदोलन, धरना और प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। स्थानीय शासन प्रशासन से लोगों की मांग है कि वे इस समस्या का त्वरित संज्ञान लें और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें, ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके।