गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 26 जुलाई 2025, शनिवार : गिद्धौर स्थित दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नवजात की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए अस्पताल के दो कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा है।
अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. नरोत्तम ने बताया कि मौरा गांव निवासी प्रसुता वर्षा कुमारी का प्रसव इस स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया था, लेकिन प्रसव के बाद नवजात मृत पाया गया। परिजनों ने अस्पताल कर्मियों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। मामले की जांच के बाद चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अजीमा निशात एवं जीएनएम (सामान्य नर्सिंग और मिडवाइफरी) श्रीमती निशा कुमारी पर अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही, अनुशासनहीनता और स्वेच्छाचारिता का दोषी मानते हुए स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
कार्यालय से जारी पत्रांक-161 के माध्यम से दोनों को निर्देश दिया गया है कि वे अपना-अपना लिखित स्पष्टीकरण प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को शीघ्र प्रस्तुत करें।
उल्लेखनीय है कि 21 जुलाई की देर शाम मौरा निवासी सोनू रावत की पत्नी की डिलीवरी के दौरान घोर लापरवाही बरती गई थी। ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे सदर अस्पताल रेफर किया था, लेकिन अस्पताल परिसर में मौजूद दो महिला आउटसोर्स कर्मी सुनीता देवी और माया देवी ने प्रसुता को जबरन रोककर दो घंटे में सामान्य डिलीवरी का भरोसा दिया।
डिलीवरी के दौरान हुई लापरवाही के चलते नवजात की मृत्यु हो गई। इस हृदयविदारक घटना से परिजन गहरे सदमे में हैं और दोषी स्वास्थ्यकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। स्थानीय लोगों और पीड़ित परिवार ने स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों से हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।