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बुधवार, 19 फ़रवरी 2025

जज साहब हाजिर हों - सोशल मीडिया पर क्यों वायरल हो रहा है यह मैसेज?

✍🏻 आलेख
- धनंजय कुमार सिन्हा 
संस्थापक, अमन समिति

सुप्रीम कोर्ट को मुफ्त राशन खलने लगा, लोगों के निकम्मेपन की चिंता होने लगी, पर देश की लाखों ऐसी तस्वीरें आखिर कब खलेंगी आपको जज साहब?

योर ऑनर, आखिर कब आप सरकार से सवाल पूछेंगे कि देश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले लोग कब तक गरीबी रेखा से ऊपर आ पायेंगे ? इसके लिए सरकारों के पास ब्लू प्रिंट क्या है? 

ऐसे सवालों पर आखिर कब आप सरकारों को तलब करेंगे जज साहब और गंभीरतापूर्वक धमकाते हुए कब डेट पर डेट देना शुरू करेंगे ? क्योंकि पार्टियों/सरकारों के वादों और न्यायालयों द्वारा कभी-कभार उठाए गए फॉर्मल सवालों मात्र से गरीबी जा नहीं रही हुजूर। 

अरबपतियों की लोन माफी पर भी अपनी खुमारी तोड़िए हुजूर? गदाल-खाते के नाम पर देश के खरबों रूपयों का गबन हो चुका है मिलॉर्ड।

थोड़ा आत्म चिंतन पर भी ध्यान दीजिएगा मिलॉर्ड कि कहीं किसी मजदूर ने आपसे काम के बदले पहले से ज्यादा दिहाड़ी तो नहीं मांग दी हुजूर? और तब आपकी आत्मा जाग गई कि मुफ्तखोरी गरीबों को निकम्मा बना दे रही है क्योंकि इन दिनों कुछ मजदूरों के बेटे पढ़-लिखकर कमाने लगे हैं शहरों में, और अब उनके बाप जो पहले के जमाने में मजबूर थे न्यूनतम मजदूरी से भी कम दिहाड़ी पर आपके बागान में कुदाल चलाने को, अब वे न्यूनतम मजदूरी से भी थोड़ा ज्यादा दिहाड़ी चाहने लगे हैं हुजूर। कहीं यही बात आपको खल तो नहीं गई हुजूर?

आपको याद दिलाना चाहता हूं हुजूर कि सरकारों द्वारा तय की गई न्यूनतम मजदूरी का अर्थ है कि दिहाड़ी उस सीमा से कम न हो, पर अगर उससे अधिक हो सके तो इसमें कोई हर्ज नहीं है हुजूर।

कभी MRP (Maximum Retail Price) पर भी गौर फरमाइए हुजूर। अधिकतर जगह कंपनियों और दुकानदारों ने व्यावहारिकता में उसे न्यूनतम रिटेल प्राइस बना दिया है हुजूर।

जागिए हुजूर, कुछ जागिए हुजूर, अन्यथा देश की मजबूर जनता अगर कभी जागने को बाध्य हो गई तब यह मिलॉर्ड को भी कुछ नहीं मानती है हुजूर। यह जब जागी थी हुजूर तब असली मिलॉर्ड इंग्लैंड जाने को बाध्य हुए थे हुजूर, अब तो सिर्फ नाम के मिलॉर्ड यहां रह गए हैं हुजूर। 

इससे पहले कि मजदूरों के ऐसे मजबूर बच्चे जाग जाएं और जैसे आप कभी-कभार डीएम, एसपी, डीजीपी को हाजिर होने का आदेश देते हैं हुजूर, वैसे ही देश में सब तरफ "जज साहब, हाजिर हों" की आवाजें गूंजने लगें हुजूर, उससे पहले आप जाग जाइए हुजूर!

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