गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 12 सितंबर 2024, गुरुवार : आचार्य विनोबा भावे की 129वीं जयंती पर बुधवार को गिद्धौर स्थित विनोबा भावे पब्लिक स्कूल परिसर में कार्यक्रम आयोजित कर श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय निदेशक विश्वास कुमार ने आचार्य विनोबा भावे की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निदेशक विश्वास कुमार ने कहा -
गांधी और विनोबा आज भी प्रासंगिक हैं। इन दोनों महान विभूतियों का चिंतन समग्र विश्व का चिंतन था। गांधी अहिंसा और मानवता के पुजारी थे, तो विनोबा करूणा की मूर्ति। 11 सिंतम्बर 1895 को महाराष्ट्र के ग्राम गोगोदा मे जन्मे विश्वविख्यात अहिंसक भूदान आन्दोलन के प्रणेता, महात्मा गांधी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, अर्न्तराष्ट्रीय मेगसैसे पुरस्कार से सम्मानित भारत रत्न, महान स्वतत्रंता सेनानी संत व आचार्य बाबा विनोबा मौलिक विचारक व महान दार्शनिक थे।
विद्यालय के प्राचार्य अभय कुमार पाण्डेय ने बताया कि आचार्य विनोबा भावे एक महान, विद्वान, शांति के पुजारी तथा एक समाजसेवी थे। वे मानवता और करूणामयी भाव से विश्व को एक कुटुम्ब की नजर से देखते थे आज जब हमारे सामाजिक और राजनीतिक जीवन मे हिंसा, अशांति, असहीष्णुता और विकृतियां बढ़ती जा रही हैं, तब विनोबा के विचार और उनकी तीसरी शक्ति में निहित प्रेम, करूणा, रूहानियत और सर्वोदय की अवधारणा हमे नई दिशा देती है।
कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने आचार्य विनोबा भावे की जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
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