रक्त की कमी और सेवा भाव : सोनो निवासी राकेश कुमार ने दिखाया मानवता का सच्चा उदाहरण - gidhaur.com : Gidhaur - गिद्धौर - Gidhaur News - Bihar - Jamui - जमुई - Jamui Samachar - जमुई समाचार

Breaking

Post Top Ad - Contact for Advt

Post Top Ad - SR DENTAL, GIDHAUR

गुरुवार, 12 सितंबर 2024

रक्त की कमी और सेवा भाव : सोनो निवासी राकेश कुमार ने दिखाया मानवता का सच्चा उदाहरण

जमुई/बिहार (Jamui/Bihar), 12 सितंबर 2024, गुरुवार : बीते दिनों जमुई जिले में एक गणमान्य व्यक्ति के आगमन को लेकर स्वास्थ्य विभाग को O+ रक्त की तत्काल आवश्यकता पड़ी। इस आवश्यकता को पूरी करने के लिए प्रबोध जन सेवा संस्थान से जुड़े सोनो गांव निवासी सेवा भावी रक्तदाता राकेश कुमार ने बिना देर किए रक्तदान का निर्णय लिया। उन्होंने सोनो से जमुई रक्त अधिकोष तक की यात्रा की और O+ रक्तदान कर मानवता की एक अनूठी मिसाल पेश की।

प्रबोध जनसेवा संस्थान के सचिव एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुमन सौरभ ने बताया कि -
राकेश कुमार का यह कदम न केवल स्वास्थ्य विभाग की मदद के लिए महत्वपूर्ण रहा, बल्कि यह समाज के प्रति उनके सेवा भाव को भी प्रदर्शित करता है। रक्तदान एक ऐसा महान कार्य है, जिससे किसी की जिंदगी बचाई जा सकती है। राकेश का इस संकटपूर्ण समय में तत्परता से आगे आना एक सच्चे सेवक का प्रतीक है, जो जरूरतमंदों की सहायता के लिए हर समय तैयार रहते हैं। 
रक्तदान की महत्ता और जागरूकता की जरूरत
रक्त अधिकोषों में अक्सर रक्त की कमी की समस्या बनी रहती है। जमुई जैसे छोटे शहरों में रक्तदान के प्रति जागरूकता की कमी से इस तरह की आपात स्थितियां बार-बार सामने आती हैं। आज भी बहुत से लोग यह नहीं समझते कि नियमित रक्तदान न केवल दूसरों की जान बचाता है, बल्कि रक्तदाता के लिए भी स्वास्थ्यवर्धक होता है। यह शरीर के रक्त संचरण में सुधार लाता है और नई रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है।
इसलिए समाज के हर वर्ग को यह समझने की आवश्यकता है कि रक्तदान केवल एक सामाजिक दायित्व ही नहीं, बल्कि यह मानवीयता की सबसे बड़ी सेवा है। नियमित रक्तदान करने से न केवल आप किसी की जान बचा सकते हैं, बल्कि यह समाज में एक स्वस्थ परंपरा को भी जन्म देता है।

राकेश कुमार का योगदान: समाज के लिए प्रेरणा
राकेश जी जैसे सेवा भावी व्यक्तियों के कार्य समाज को प्रेरणा देते हैं कि कैसे एक साधारण व्यक्ति भी अपनी छोटी-सी मदद से बड़े बदलाव ला सकता है। उनका यह निस्वार्थ योगदान हमें यह याद दिलाता है कि रक्तदान करने से कोई कमजोर नहीं होता, बल्कि इससे आप किसी की जिंदगी में नया सवेरा ला सकते हैं। ऐसे समर्पित लोगों के कारण ही समाज में सेवा और परोपकार की भावना जीवित रहती है।

Post Top Ad -