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जमुई : देहदान कर भर्ता-भार्या बने महादानी, भरा संकल्प पत्र, मरणोपरांत शोध में शरीर आयेगा काम



जमुई/बिहार (Jamui/Bihar), 29 मई 2024, बुधवार : ताकि जिंदा रहने का एहसास बना रहे और जरूरतमंदों का सहारा बन सकें। कुछ इसी मंशा को पूरा करने के लिए देहदान करने की चाह रखने वालों को अब कहीं और जाने की जरूरत नहीं है। समाज के प्रति सकारात्मक और सहयोगात्मक सोच रखने वाले ऐसे लोग दधीचि देह दान समिति की जमुई जिला इकाई में देहदान कर सकते हैं। मरणोपरांत शरीर दान करने के इच्छुक लोगों ने यहां अपना रजिस्ट्रेशन कराना प्रारंभ कर दिया है।


दधीचि देह दान समिति के जिलाध्यक्ष प्रदीप केशरी ने बताया कि मरणोपरांत शरीर दान सभी दानों से बढ़कर है। शहर के जाने-माने व्यवसायी और संघ से जुड़े निष्ठावान व्यक्ति कुंज बिहारी बंका और इनकी भार्या उमा देवी बंका ने इसी आदर्श को आत्मसात कर दधीचि देह दान समिति को सहमति पत्र देकर  मरणोपरांत सम्पूर्ण देह दान के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया और संकल्प पत्र भरकर कार्यालय में जमा किया।


दधीचि देह दान समिति के जिलाध्यक्ष प्रदीप केशरी, महासचिव दिलीप साह, सचिव चंद्र सिंह, अनिल बरनवाल आदि संबंधित जन महादानी के घर जाकर इस नेक कार्य के लिए भर्ता और भार्या को सैल्यूट किया साथ ही उन्हें अंग वस्त्र देकर उन दोनों का मान बढ़ाया।


अंकित करने वाली बात है कि  एमबीबीएस की पढ़ाई में मृत शरीर का बड़ा महत्व है। शरीर रचना विभाग द्वारा बॉडी का प्रयोग चिकित्सीय शिक्षण कार्य में किया जाता है। इसका उपयोग शव के विच्छेदन, शोध समेत अन्य चिकित्सीय शिक्षण कार्य में किया जाता है। मृतक देह पर प्रयोग करके एमबीबीएस के विद्यार्थी बड़े चिकित्सक बनते हैं। इसका व्यवहारिक जीवन में काफी महत्व है। मृत शरीर नश्वर है। कई मामलों में इससे जरूरतमंद लोगों की जान बचाई जा सकती है। दधीचि देह दान समिति ने आम जनों से अपील करते हुए कहा कि वे भी मरणोपरांत देह दान करें और दूसरे की जीवन को प्रकाशित करने में अहम भूमिका निभाएं।

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