गिद्धौर/जमुई, 3 मई 2024, शुक्रवार। गिद्धौर के दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं। यहाँ के जिम्मेदारों के भरोसे लोगों के जान पर आफत आ गई है। ताजा मामला कोल्हुआ पंचायत के धोबघट गाँव निवासी अशोक सिंह की बहु सोनम कुमारी को डिलीवरी के लिए दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां चिकित्सक की गैर मौजूदगी में अस्पताल की दाई ने चीरा लगा दिया और बिना सिलाई किए उसी अवस्था में जमुई भेज दिया।
परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया है कि प्रसूता को डिलीवरी के लिए गिद्धौर के दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां उस व्यक्त कोई चिकित्सक ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे। ऐसे में मौजूद दाई ने कहा कि कोई डॉक्टर नहीं है, हम लोग ही डॉक्टर हैं और डिलीवरी कराएंगे।
प्रसूता का आरोप - प्रेशर न होने पर जबरन पेट दबाया
जिसके बाद प्रसूता को डिलीवरी रूम ले जाया गया। प्रसूता सोनम कुमारी ने बताया कि प्रेशर न होने पर हाथ से जबरन तेज-तेज पेट को दबाया गया और फिर दाई द्वारा ही चीरा लगा दिया गया। इसके बाद बिना सिलाई किए, उसी अवस्था में सादर अस्पताल जमुई जाने बोल दिया गया। इन सबकी वजह से नवजात की भी मौत हो गई।
प्रसूता की सास संगीता देवी ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं थे। नर्स और दाई ने कहा कि हम लोग ही डॉक्टर हैं। जिम्मेदार लोगों को व्यवस्था सुधार करने पर ध्यान देना चाहिए ताकि भविष्य में और किसी के साथ ऐसा नहीं हो।
मामले के संदर्भ में दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अज़ीमा निशात ने कहा -
डॉक्टर तो अस्पताल में मौजूद रहते हैं। उस दिन जिनकी ड्यूटी थी, रोस्टर को देखेंगे। आवेदन मिला है। उसपर विभागीय कार्रवाई हमलोग कर रहे हैं। जांच कमिटी का गठन कर रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाएगा। जो ऑन ड्यूटी थे उनसे स्पष्टीकरण लिया जा रहा है। लेबर रूम में जीएनएम,एएनएम की ड्यूटी होती है, डॉक्टर डिलेवेरी नहीं करवाते हैं। दाई के द्वारा पेट नहीं चीरा जाता है। नॉर्मल डिलीवरी में पेरिनियल टियर हो जाता है। पेट नहीं चीरा गया है। फिलहाल हमलोग पूछताछ और जांच करेंगे। जिसके बाद उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना दी जाएगी। जो भी दोषी रहेंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी।
देखें वीडियो >>
0 टिप्पणियाँ