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अलीगंज : मनरेगा योजना में पईन सफाई के नाम पर फर्जी जॉब कार्ड बनाकर निकाल ली गई राशि

• महज खानापूर्ति कर बिचौलिया, जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध राशि निकासी कर की बंदरबांट 

अलीगंज/जमुई (Aliganj/Jamui), 4 मई 2024, शनिवार | रिपोर्ट -  चंद्रशेखर सिंह : महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा सरकार की यह महात्वाकांक्षी गरीब-मजदूर को पलायन रोकने व रोजगार देने वाली योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। रोजगार की गारंटी हो या न हो लेकिन भ्रष्टाचार की पूरी गारंटी है। दरअसल, मनरेगा में एक चौंकाने वाला मामला उजागर हुआ है।

प्रखंड क्षेत्र के कोदवरिया पंचायत समिति कार्य एजेंसी द्वारा योजना सं. 20477133 वर्ष 23-24 हिलसा विषहरी स्थान से छिलका बांध तक पैईन सफाई कार्य प्राक्कलित राशि 8,57,079 रुपये है जो पंचायत समिति कोदवरिया द्वारा करवाया गया है जिसमें महज 20-25 मजदूरों में ही खानापूर्ति कर फर्जी दस्तावेज जाब कार्ड बनाकर बिना कार्य किए ही लगभग राशि निकाल ली गई है। 

इसका खुलासा तब हुआ जब ग्रामीणों ने कार्य एजेंसी से जानना चाहा कि कार्य शुरू होकर ही रह गई तब मामला का पर्दाफाश हुआ कि पंचायत समिति व बिचौलिये स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा कर मजदूरों के नाम पर राशि की बंदरबांट कर ली है। जब ग्रामीणों ने इस बाबत पीओ व जेईई मनरेगा से शिक़ायत की तो भी कोई सकारात्मक पहल नहीं हुआ और राशि कार्य नहीं करने वाले लोगों के नाम फर्जी जाब कार्ड तैयार कर मजदूरों के नाम की राशि उनके खाते में हस्तांतरित कर सरकार की राशि की बंदरबांट कर ली गई है। बहरहाल, जिला स्तरीय पदाधिकारी सरकारी आंकड़ों को सच मानकर काम कर रहे हैं और योजना स्थल पर कार्य अलग ही बयान कर रही है। 
कागज पर काम पूरा कर दिया गया है, जबकि हकीकत इसके ठीक उलट है। तमाम तरह की निगरानी के बाद भी मनरेगा में धांधली जारी है और मजदूरों की बजाय जेसीबी मशीन से रातोरात काम कर दो चार मजदूरों से छाप पोतकर जेसीबी मशीन निशान को मिटा दिया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि अभी हाल ही में बिना काम पूरा किए आठ लाख रुपये की फर्जी जाब कार्ड बिना काम किये मजदूरों के नाम पर राशि की लूट कर ली गई। ग्रामीणों ने डीएम व डीडीसी से मनरेगा में लगे मजदूरों की फोटो जांच कराने की भी मांग की है। 

दूसरी योजना सं. 20518140 प्राक्कलित राशि 9,10,400 रुपये है जो हिलसा मुरदारी से बेलाटाड तक पैईन सफाई में बिना बोर्ड लगाए रातोरात जेसीबी मशीन से पैईन सफाई कार्य करवा दिया गया है। शिकायत के बाद उसी जेसीबी मशीन खोदाई की साक्ष्य मिटाने के लिए दो चार मजदूरों से झड़ाई करवाया जा रहा है। जेसीबी मशीन मनरेगा योजनाओं मे चलाने की चर्चा गांव में ग्रामीणो के बीच जमकर की जा रही है।
काम करवा कर कैसे निकाली जा रही राशि?
मनरेगा जाब कार्ड के आधार पर मजदूरों का भुगतान डीबीटी के तहत सीधे उनके बैंक खाता में होते हैं। अब पंचायतों मे कई बैंकों का ग्राहक सेवा केंद्र खुल गया है। सीएसपी वाले लैपटाप लेकर गांव-गांव चले जाते हैं। वहां बिचौलियों के माध्यम से संबंधित मजदूरों को बुलाकर अंगूठा लगवा लिया जाता है। इसके बाद राशि की निकासी कर ली जाती है।इसके एवज में मजदूरों को प्रति जाब कार्ड दो सौ से तीन सौ रुपये थमा दिया जाता है।

मंटू सिंह, पिंटू सिंह, कमला देवी, रोशिला देवी, रामोतार बिंद, चंदू देवी, कविता देवी, रामरणी देवी, कृष्णा साव, मंजू देवी, प्रमिला देवी, मुकेश यादव, दिनेश सिंह सहित कई लोगों ने बताया कि बगैर काम किए मजदूरों के खाता में मजदूरी की राशि मंगाने के लिए बिचौलियों ने खाता लिया और पैसा निकालने के एवज में उसके बदले दो सौ से तीन सौ रुपये देते हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि जेसीबी मशीन से काम कर फर्जी एनएनएमएस फोटो की जांच करने पर सच्चाई सामने आ जाएगी। ग्रामीणों ने ग्रामीण विकास मंत्री तथा डीडीसी व जिलाधिकारी से योजना में फर्जी जाब कार्ड के साथ मनरेगा कार्य में लगे मजदूरों की फोटो सहित अवैध तरीके से बिना काम कराए फर्जी सरकारी राशि निकासी कर बिचौलिये व अधिकारियों की मिलीभगत से राशि बंदरबांट किए गए मामले की जांच करने की मांग की है।
मामले के बारे में जमुई के उप विकास आयुक्त सुमित कुमार ने कहा -
"शिकायत मिली है। मामले की बारीकी से जांच कराई जा रही है। दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"

वहीं जमुई जिलाधिकारी राकेश कुमार ने कहा -
"मनरेगा में जेसीबी चलाकर पैसा निकालने का मामला आया है। डीडीसी स्तर से जांच करवाई जा रही है। जांच रिपोर्ट आते ही केस दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी।"

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