सिकंदरा/जमुई (Sikandra/Jamui), 11 मार्च 2024, सोमवार : साईकिल यात्रा एक विचार, जमुई की टीम अपने 427 यात्रा के क्रम में बीते रविवार को श्री कृष्ण सिंह स्टेडियम से चलकर 20 किलोमीटर दूर सिंकदरा प्रखंड के भगवान महावीर की जन्मस्थली लछुआड़ पहुंची। जहां निजी जमीन एव काली मंदिर के पास दो दर्जन पौध रोपण किया गया।
यात्रा का नेतृत्व करते हुए सदस्य लड्डू मिश्रा ने बताया की भगवान महावीर को पर्यावरण पुरुष के रूप में भी जाना जाता है। वे मानते थे कि इस सृष्टि में मिट्टी, जल, अग्नि, वायु और वनस्पति इन सब में भी जीवन है; इनके अस्तित्व को अस्वीकार नहीं करना चाहिए। इनके अस्तित्व को नकारने का मतलब है अपने स्वयं के अस्तित्व को अस्वीकार करना। उनके बाते को हमलोग द्वारा पालन करना चाहिए तभी सही मायने में पर्यावरण और मानव जाति की रक्षा हो सकती है।
सदस्य संतोष कुमार सुमन ने बताया की वृक्ष से हमें असीम शांति और स्वास्थ्य मिलता है। पीपल, अशोक, बरगद के वृक्षों के आस-पास चबूतरा बनाकर उन्हें सुरक्षित करने की परम्परा थी उसे फिर से बनाने की जरूरत है, ताकि वहां बैठकर व्यक्ति शांति का अनुभव कर सके।
0 टिप्पणियाँ