जमुई में राष्ट्रीय लोक अदालत ने रचा इतिहास, 2216 मामले हुए निस्तारित - gidhaur.com : Gidhaur - गिद्धौर - Gidhaur News - Bihar - Jamui - जमुई - Jamui Samachar - जमुई समाचार

Breaking

Post Top Ad - Contact for Advt

Post Top Ad - Sushant Sai Sundaram Durga Puja Evam Lakshmi Puja

गुरुवार, 14 मार्च 2024

जमुई में राष्ट्रीय लोक अदालत ने रचा इतिहास, 2216 मामले हुए निस्तारित



जमुई/बिहार। जमुई जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बीते 09 मार्च को निर्धारित राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रकरणों के निस्तारण में अपना ही कीर्तिमान ध्वस्त कर नया रिकॉर्ड बनाया है। संबंधित लोक अदालत में राजीनामा के आधार पर 2216 वादों का निस्तारण किया गया। इस दरम्यान 09 करोड़ 03 लाख से ज्यादा की धनराशि सेटल किए गए। जमुई जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने पिछले राष्ट्रीय लोक अदालत की तुलना में ज्यादा मामलों का हल कर नए इतिहास का लेखन किया है।


जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 09 सितंबर 2023 को जमुई में संपन्न हुए राष्ट्रीय लोक अदालत में 2167 वादों को निपटाया गया था। इस दरम्यान 05 करोड़ 92 लाख से ज्यादा की धनराशि सेटल की गई थी जो एक कीर्तिमान था। इस बार यानी 09 मार्च 2024 को संपन्न हुए राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 2216 प्रकरणों को सुलझाया गया और 09 करोड़ 03 लाख की राशि सेटल की गई जो पिछले राष्ट्रीय लोक अदालत की तुलना में बड़े अंतर को दर्शाता है।


उन्होंने जमुई में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में इस बार सबसे ज्यादा मामलों का निस्तारण किए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि यह अपने आप में एक कीर्तिमान है। जिला जज ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक अधिकारियों , विभिन्न बैंकों , बीमा कंपनियों के अधिकारियों , अधिवक्ताओं के साथ प्रशासनिक पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया और लचीला रुख अख्तियार कर यह खास उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव राकेश रंजन समेत तमाम नामित ओहदेदारों को बेहतर कार्य के लिए साधुवाद दिया। 


जिला जज ने राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यहां होने वाली कार्यवाही को भारतीय दंड संहिता 1860 के तहत निर्धारित नियमों के मुताबिक अदालती कार्यवाही माना जाता है। इसमें कोर्ट-फीस नहीं लगता है। पुराने मुकदमें की कोर्ट-फीस वापस हो जाती है। किसी पक्ष को सजा नहीं होता है।मामले को बातचीत के बाद सफाई से हल कर लिया जाता है। मुआवजा और हर्जाना मिल जाता है। मामले का निपटारा जल्दी हो जाता है। सभी को आसानी से न्‍याय मिल जाता है। फैसला आखिरी होता। इसके द्वारा किए गए फैसले के खिलाफ कहीं भी अपील नहीं होती है।


उन्होंने वादियों से अपील करते हुए कहा कि भविष्य में लगने वाले लोक अदालत में आप अपने सुल्हनीय वादों को लाएं और त्वरित न्याय पाकर चैन से जीवन जिएं।

Post Top Ad -