गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 26 जुलाई 2023 : महाराज चंद्रचूड़ विद्या मंदिर के शिक्षक एवं हिंदी साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले कवि, गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत रतनपुर निवासी विनय अश्म का बीते मंगलवार को निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे।
पारिवारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते गुरुवार को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बाद उनका पटना में इलाज जारी था। जहां मंगलवार की अहले सुबह करीब 4 बजे उनका निधन हो गया। देर शाम पार्थिव शरीर के रतनपुर आवास पहुंचने पर उनके परिजनों और शुभचिंतकों का तांता लग गया।
विनय अश्म के निधन पर अंतिम दर्शन करने पहुंचे पगडंडी जमुई के संगठन सचिव युवा लेखक सुशांत साईं सुंदरम (Sushant Sai Sundaram) ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि वे जिंदादिल और बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। महाराज चंद्रचूड़ विद्या मंदिर (Maharaj Chandrachud Vidya Mandir) में उन्होंने कई पीढ़ियों को ज्ञानदान दिया और वर्ष 1999 में सेवानिवृत हुए। 'लेकिन' पत्रिका के माध्यम से हाशिए के कलमकारों को उन्होंने मंच प्रदान किया। हिंदी जगत में उनके योगदान को युग युगांतर याद किया जाता रहेगा।
वहीं पगडंडी जमुई के मार्गदर्शक मंडल सदस्य संदीप कुमार आचार्य ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि विनय अश्म की साहित्यिक पत्रकारिता लोक कल्याण में प्रभावशाली रही। उनका निधन राष्ट्रीय क्षति है।
जमुई जिला निवासी गिधौरिया बोली के कवि, साहित्यकार ज्योतिंद्र मिश्र ने कहा कि जब जमुई जिला में सांस्कृतिक शून्यता थी, तब अपने खर्च पर 'लेकिन' नामक पत्रिका का वे प्रकाशन किया करते थे, जिसमें मेरी कविताओं को भी स्थान मिलता था।
वहीं गिद्धौर के युवा नेता मनीष कुमार पांडेय ने विनय अश्म के निधन पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि उनका जाना शिक्षा जगत मे अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपने जीवन में अनुशासन एवं अपने कर्तव्यों के प्रति सजगता का प्रतिमान स्थापित किया। अपने जीवन काल में कभी भी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। आज शिक्षा जगत को उनसे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
विनय अश्म का अंतिम संस्कार बुधवार को उनके पैतृक गांव में किया गया। उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों में मुख्य रूप से पत्रकार अभिषेक कुमार झा, चुनचुन कुमार, पगडंडी जमुई के अध्यक्ष रवीश कुमार, मनीष नंदन, किशोर प्रसाद गुप्ता उर्फ मुशंडी सहित अन्य लोग शामिल हैं।
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